मिड डे मील योजना भी नहीं रोक पा रही बच्चे, सरकारी स्कूलों में घटी संख्या
सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। मिड डे मील योजना के बावजूद संख्या नहीं बढ़ पा रही है। मिड डे मील में 40 फीसद राज्य सरकार और 60 फीसद केंद्र सरकार खर्च।
पानीपत, [अरविंद झा]। छोटी आयु के बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर भोजन देने के लिए केंद्र सरकार ने मिड डे मील स्कीम लागू की। 15 अगस्त, 1995 से इसे 2000 से अधिक ब्लॉकों में लागू किया गया। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में नौ अरब के बजट से इसकी शुरुआत हुई। वर्ष 2004 से इसे हरियाणा सहित सभी प्रांतों में लागू कर दिया गया। वर्ष 2016-17 में 67725 बच्चे इस सेवा से लाभान्वित हो रहे थे। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बच्चों की संख्या घट कर 57547 रह गई है।
मौलिक शिक्षा विभाग के अधिकारी रमेश कुमार का कहना है कि लॉकडाउन में नामांकन कार्य पेडिाग होने से बच्चों की संख्या कम है। कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन लगने से स्कूलों में मिड डे मील बनाने में बाधा आई। निदेशालय के निर्देश के मुताबिक एमडीएम इंचार्ज घर-घर जाकर बच्चों को राशन बांट रहे हैं। मई और जून महीने में 24-24 दिनों का राशन घर पर जाकर बच्चों के अभिभावकों को दिया जा रहा है।
कितना मिल रहा है राशन
पहली से पांचवीं
गेहूं : 45 ग्राम प्रतिदिन
चावल : 55 ग्राम प्रतिदिन
दूध : 20 ग्राम प्रतिदिन
कुकिंग लागत : 4.97 रुपये प्रतिदिन
छठी से आठवीं
गेहूं : 45 ग्राम प्रतिदिन
चावल : 55 ग्राम प्रतिदिन
दूध : 20 ग्राम प्रतिदिन
कुकिंग लागत : 7.45 रुपये प्रतिदिन
11 - वीं पंचवर्षीय योजना से शुरू हुई मिड डे मील स्कीम
2004 - से हरियाणा के स्कूलों के स्कीम किया गया लागू
422 - स्कूल हैं इस स्कीम में शामिल
विद्यार्थियों की संख्या (ब्लॉकवार)
ब्लॉक स्कूल की संख्या पहली से पांचवीं छठी से आठवीं
बापौली 79 6494 3882
इसराना 71 3162 2177
मतलौडा 78 4947 3350
पानीपत 117 15704 9336
समालखा 77 5035 3460
पांच वर्षों का आंकड़ा
वर्ष 2016-17
67725
वर्ष 2017-18
67383
वर्ष 2018-19
65138
वर्ष 2019-20
63197
वर्ष 2020-21
57547 विद्यार्थी
सहायता प्राप्त नौ स्कूलों में भी यही योजना
सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों (एडिड) में भी बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाता है। सरकारी स्कूल की तरह इन बच्चों को एक समान मेन्यू के हिसाब से खाना दिया जाता है। वर्ष 2017-18 से पानीपत में मिड डे मील दिया जा रहा है। जिले में नौ एडिड स्कूल हैं।
इसे भी चढ़ते-बढ़ते में ले सकते हैं
वर्ष 2017-18
1642
वर्ष 2018-19
2134
1082 कुक बनाती है बच्चों का भोजन
मिड डे मिल बनाने के लिए स्कूलों में कुक रखा गया। सरकार की तरफ से उन्हें बच्चों का खाना बनाने के लिए प्रतिमाह मेहनताना दिया जाता है। पानीपत जिले के 422 राजकीय स्कूलों में 1082 कुक बच्चों का भोजन बनाती हैं।
664 कुक प्राइमरी स्कूल में हैं
418 कुक मिडिल स्कूल में हैं
26 बच्चों पर : 01 कुक
27-100 पर : 02 कुक
101-200 पर : 03 कुक
(प्रति 100 बच्चों पर एक अतिरिक्त कुक)
किचन गार्डन में उगाते सब्जी
बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय से प्रत्येक स्कूल में किचन गार्डन लगाना अनिवार्य किया गया है। शहर के कुछ सरकारी स्कूलों को छोड़ कर जहां गार्डन के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। 422 स्कूलों में से 111 स्कूल में किचन गार्डन हैं।
20 बच्चों पर साबुन की एक टिकिया
एमडीएम इंचार्ज भोजन वितरण से पहले बच्चों से हैंडवॉश करवाते हैं। 20 बच्चों पर साबुन की एक टिकिया दी जाती है। अधिकतम 10 रुपये मूल्य का टिकिया खरीद सकते हैं। यह कुकिंग से अलग होता है।
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