अब ई-विद्यालय से सुधरेगी आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था

जागरण संवाददाता पानीपत कोरोना महामारी के बीच शिक्षा विभाग ने आनलाइन तरीके से बच्चों को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 10:21 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 10:21 PM (IST)
अब ई-विद्यालय से सुधरेगी आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था
अब ई-विद्यालय से सुधरेगी आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना महामारी के बीच शिक्षा विभाग ने आनलाइन तरीके से बच्चों को दी जा रही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। जिसे ई-विद्यालय का नाम दिया गया है। इस मंच पर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को साथ जोड़ा गया है। बुधवार से उक्त योजना का औपचारिक शुभारंभ यूट्यूब लाइव के जरिये हो चुका है। इसे और बेहतर बनाने के लिए एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने सभी पूरी कर ली हैं। फिर सक्षम वाट्स एप ग्रुप से उक्त योजना पर काम किया जाएगा।

स्कूल-विद्यार्थी के बीच की मिटेगी दूरी

कोविड-19 के चलते स्कूलों में 15 जून तक छुट्टी चल रही हैं। प्राइवेट स्कूल द्वारा आनलाइन तरीके से पढ़ाई कराने के साथ अन्य गतिविधियां भी कराई जा रही है। ऐसे में उनके विद्यार्थी स्कूल और अपने शिक्षक से लगातार जुड़े हुए हैं। जबकि राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की नए सत्र का शुभारंभ होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। केवल एसुसेट आदि माध्यम से ही विद्यार्थियों से संवाद किया जा रहा है। बच्चे अपने शिक्षकों से सवाल आदि के बारे में पूछ नहीं पाते हैं। इसी एक तरफा संवाद को खत्म करने के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय ने ई-विद्यालय योजना शुरू की है। असमंजस में नहीं रहेंगे बच्चे

जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि एजुसेट और अन्य माध्यमों से पढ़ाई के कारण एक तरफा संवाद में बच्चे सवाल को लेकर असमंजस में रहते हैं। जिसके चलते वो ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे। उक्त समस्या के हल को लेकर ही ई-विद्यालय शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि सक्षम एप के माध्यम से विद्यार्थी अपने संदेहनजक सवाल शिक्षकों तक पहुंचा उन्हें समझ सकेंगे। इन स्तरों पर होगी व्यवस्था

ई-विद्यालय को तीन स्तर पर रखा गया है। पहली जिन विद्यार्थियों के पास इंटरनेट और स्मार्टफोन की व्यवस्था होगी। शिक्षक उनके साथ जूम व गूगल मीट जैसे चैनलों से जुड़ेंगे। दूसरी जिनके पास कम रेंज का इंटरनेट है, उनसे शिक्षक टेलीकांफ्रेसिग के जरिए संवाद करेंगे। तीसरी जिन विद्यार्थियों के पास मोबाइल फोन नहीं है, उनका सहयोग नजदीक के स्कूल के शिक्षक व अभिभावक करेंगे।

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