अब ओपीडी कार्ड हिंदी में, एलएनजेपी अस्पताल में होगा शुरू

कुरुक्षेत्र के लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में हिंदी में ओपीडी कार्ड मिलेगा। अस्पताल की ओपीडी कार्ड है जो मरीजों के लिए बनाए जाते हैं। उसे हिंदी में लिखा जाएगा। साथ ही चिकित्सकों के लिखे टेस्ट मरीजों को भी साफ समझ में आ सकेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 04:56 PM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 04:56 PM (IST)
अब ओपीडी कार्ड हिंदी में, एलएनजेपी अस्पताल में होगा शुरू
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल।

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में अब बहिरंग रोगी स्वास्थ्य देखभाल कार्ड हिंदी में मिलेगा। हिंदी में नाम पढ़कर आप भी थोड़ा चौक गए होंगे, लेकिन यह अस्पताल की ओपीडी कार्ड है जो मरीजों के लिए बनाए जाते हैं। अब ये कार्ड हिंदी में दिखाई देंगे। इसके साथ ही चिकित्सकों के लिखे टेस्ट मरीजों को भी साफ समझ में आ सकेंगे। कार्ड के चारों पेज पर रक्त व यूरीन, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड से जुड़े तमाम तरह के टेस्ट साफ-साफ लिखे होंगे। चिकित्सक को अब बस टेस्ट को चिन्हित करना होगा। इसके साथ ही इनमें लिखे जाने वाले स्लोगनों को भी बदला गया है। दो गज की दूरी मास्क है जरूरी वाक्य के साथ कार्ड की शुरुआत होगी।

इससे पहले अस्पताल में हाजिरी पंजिका से लेकर बोर्ड कर दिए हिंदी में

डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने इससे पहले अस्पताल में हाजिरी पंजिका से लेकर बोर्ड पर लिखे जाने वाले नामों को भी हिंदी में लिखा है। अपनी ओपीडी के बाहर उन्होंने जो नाम पट्ट लगाया है वह भी हिंदी में लिखा है। वे ज्यादातर पत्राचार भी हिंदी में ही करते हैं।

ताकि मरीज भटकता न रहे : डा. शैली

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। इसके मद्देनजर ही ओपीडी कार्ड को हिंदी में प्रकाशित किया गया है। इसके अलावा कोविड-19 के टेस्ट से लेकर ब्लड, यूरिन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड समेत तमाम तरह के टेस्ट भी लिखे गए हैं अब चिकित्सक को बस उस टेस्ट के सामने वाले बॉक्स को चिन्हित करना होगा। इससे ये होगा कि मरीज को बार-बार किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अक्सर मरीज टेस्ट कराने के बाद इधर उधर भटकता हुआ टेस्ट पूछता रहता है। वह कभी किसी चिकित्सक को पकड़ता है तो कभी किसी कर्मचारी को। इससे मरीज भटकते रहते हैं। उनकी समस्या को देखते हुए ऐसा किया गया है। टेस्ट को अंग्रेजी में इसलिए लिखा गया है क्योंकि टेस्टों के नामों को अगर हिंदी में लिखा जाता तो उससे कार्ड में काफी जगह भर जाती।

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