जनसेवा दल, सरबत दा भला को नोटिस, तीन दिन में खाली करो भवन
सिविल अस्पताल में करीब 21 करोड़ की लागत से 100 बेड की सात मंजिला एमसीएच (मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ) विग बननी है। पुरानी बिल्डिग को तोड़कर विग बनेगी इस इमारत के मलबे की नीलामी नौ जुलाई को होनी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में करीब 21 करोड़ की लागत से 100 बेड की सात मंजिला एमसीएच (मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ) विग बननी है। पुरानी बिल्डिग को तोड़कर विग बनेगी, इस इमारत के मलबे की नीलामी नौ जुलाई को होनी है। अस्पताल प्रशासन ने जनसेवा दल, सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट को आफिस, जय जवान कैंटीन और स्टेट बैंक के एटीएम बूथ को परिसर से हटाने का नोटिस थमा दिया है।
चारों स्थानों पर नोटिस भी चस्पा कर दिया है। अस्पताल के प्रिसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) डा. संजीव ग्रोवर ने पुष्टि करते हुए बताया कि अस्पताल की पुरानी बिल्डिग तोड़कर विग बननी है।पीडब्ल्यूडी ने पुरानी बिल्डिग के मलबे की कीमत कीमत 18 लाख 99 हजार रुपये निर्धारित की है। मलबे की नीलामी नौ जुलाई को होगी। बोलीदाता को न्यूनतम धरोहर राशि 18 लाख 98 हजार रुपये जमा करनी होगी। सर्वाधिक बोलीदाता इमारत को तोड़कर मलबा ले जाएगा, भूमि समतल देगा।
पुराने भवन से लगते 100 मीटर का एरिया खाली करना है। इसी के चलते भवन खाली कराए जा रहे हैं, ताकि जान-माल की हानि भी न हो। एक छत के नीचे जच्चा-बच्चा
एमसीएच विग में प्रसव से पहले गर्भवती महिलाओं को रखने के लिए बेड होंगे। प्रसव संपन्न कराने के लिए 20 टेबल होंगी। प्रसव उपरांत 48 से 72 घंटे अस्पताल में भर्ती पहले के लिए जच्चा-बच्चा के लिए पर्याप्त बेड होंगे। महिला ओपीडी, शिशु रोग ओपीडी, स्पेशल न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) बनेगी। एक आपरेशन थियेटर भी बन सकता है। नंबरिग :
23 हजार 425 वर्ग फुट में निर्माण
2018 में मिली थी विग निर्माण मंजूरी
30 अक्टूबर 2018 को 20 करोड़ रुपए मंजूर
13 करोड़ रुपये पीडब्ल्यूडी के खाते में पहुंचे सरकार की बिना अनुमति ही बना लिया ठिकाना
जनसेवा दल और सरबत दा भला ट्रस्ट को सिविल अस्पताल में प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की बिना अनुमति से भवन दिए हुए हैं। ट्रस्ट को कार्यालय तीन जून 2019 को दिया गया था। जनसेवा दल करीब 40 साल से अस्पताल परिसर में है। सेवा का फल नहीं मिलता
जन सेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने कहा कि इस कार्यालय को तैयार करने में तीन-चार लाख रुपये खर्च किए हैं। पहले रेडक्रास की जमीन पर थे, 240 रुपये सालाना किराया देते थे। यह कार्यालय करीब दो साल से है। 40 साल से मरीजों की सेवा और विभाग की मदद कर रहे हैं, सेवा का फल नहीं मिला। नई बिल्डिग में वैक्सीनेशन और सैंपलिग
पुरानी बिल्डिग में फ्लू कार्नर, कोरोना ओपीडी और वैक्सीनेशन सेंटर बने हुए हैं। पीएमओ ने बताया कि इन्हें रेडियोलाजी ब्लाक में शिफ्ट किया जा सकता है। दूसरी जगह भी देखी हैं, एक-दो दिन में निर्णय ले लेंगे।