कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने फंसाया पेंच, यूपी-जम्मू से नहीं मिली बस चलाने की मंजूरी

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका की वजह से अभी अन्‍य राज्‍यों में बस संचालन को लेकर संशय बरकरार है। जहां अंबाला से उत्‍तराखंड और हिमाचल के लिए बस सर्विस शुरू हो चुकी है। वहीं यूपी-जम्मू के लिए अनुमति नहीं मिली।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 05:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 05:50 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने फंसाया पेंच, यूपी-जम्मू से नहीं मिली बस चलाने की मंजूरी
कोरोना महामारी की वजह से अभी दूसरे राज्‍यों की बसों के रूट पर संशय।

अंबाला, जागरण संवाददाता। बेशक कोराेना की स्थिति में कुछ सुधार आया है। मगर अंबाला रोडवेज डिपो को उत्तर प्रदेश व जम्मू राज्यों के डिपो से बस सर्विस चलाने की मंजूरी विभाग को नहीं मिली है, जबकि अंबाला से उत्तराखंड व हिमाचल के लिए सब सर्विस को शुरू हुए करीब दस दिन से अधिक हो चुके हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी दोनों राज्यों के परिवहन विभाग से बस सर्विस को चलाने के लिए कई बार बातचीत कर चुके, मगर दोनों ही राज्यों के परिवहन विभाग ने कोरोना काल का हवाला देते हुए बस सर्विस को दोबारा शुरू करने के लिए हामी नहीं भरी है। ऐसे में यह बस सर्विस बीच में ही रूक गई।

यूपी में यह बस सर्विस बंद पड़ी

बता दें हाल ही में अंबाला रोडवेज विभाग ने उत्तरप्रदेश के लखनऊ व मेरठ बस सर्विस चलाने के बाद बरेली तक बस सर्विस चलाया था। यह बसें छावनी बस अड्डे से चलाई चलती थी जाेकि पहली बार अंबाला डिपो की तरफ से इस सेवा को शुरू किया गया था। इससे जहां डिपो का रेवन्यू बढ़ा वहीं यह लॉरी चलने से यात्रियों को काफी राहत मिली थी। मगर कोरोना के बढ़ते केसों के बाद लगे लाकडाउन के कारण यह बस सर्विस बंद कर दी गई थी।

जम्मू के लिए ऐसे चलती थी बसें

कडाउन से पूर्व डिपो से दो बसें (अंबाला और जम्मू से) चलती थी। यह बस छावनी के बस अड्डे से सुबह साढ़े चार बजे फुल सवारियां लेकर चलती थी। इसी तरह जम्मू बस अड्डे से इसी समय बस अंबाला जाने के लिए बस चलती थी। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलती थी। लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते केसों के बाद इस सर्विस को बंद कर दिया गया। तब से यह मार्ग खुल नहीं पाया है। मगर जम्मू परिवहन की तरफ से हामी न मिलने से अब पेंच फंस गया है। दरअसल, जम्मू-कटरा बस सर्विस से श्रीमाता वैष्णों दरबार जाने के लिए काफी लाभ मिलता था। क्योंकि बीच में कोई बस बदले की बजाए यात्री सीधा कटरा तक पहुंच जाते थे।

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