कोरोना की दो लहरों से नहीं सबक, सिविल अस्पताल में तीसरी को न्योता

कोरोना की दो लहरों के दौरान जिले में मिले 31 हजार 104 पाजिटिव केसों 642 मौतों से सिविल अस्पताल प्रबंधन सबक लेने का तैयार नहीं है। नतीजा अस्पताल में जिधर भी निगाहें घुमाएं उधर ही कोविड-19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती दिखेगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 09:54 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 09:54 AM (IST)
कोरोना की दो लहरों से नहीं सबक, सिविल अस्पताल में तीसरी को न्योता
कोरोना की दो लहरों से नहीं सबक, सिविल अस्पताल में तीसरी को न्योता

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की दो लहरों के दौरान जिले में मिले 31 हजार 104 पाजिटिव केसों, 642 मौतों से सिविल अस्पताल प्रबंधन सबक लेने का तैयार नहीं है। नतीजा, अस्पताल में जिधर भी निगाहें घुमाएं, उधर ही कोविड-19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती दिखेगी। यह स्थिति तब है जब तीसरी लहर से सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं।

दिन सोमवार, समय दोपहर लगभग 12 बजे। ओपीडी की स्लिप बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन विडो पर चार लंबी कतारों में मरीज-तीमारदार एक-दूसरे से सटकर खड़े दिखे। भीड़ इतनी कि आपाधापी मची थी। दो गार्ड व्यवस्था संभालने में जुटे थे, भीड़ उनकी सुनने को तैयार ही नहीं थी। कतारों में आधे से ज्यादा लोग मास्क ही नहीं पहने थे। गार्ड उन्हें टोकता तो पुरुष रूमाल, महिला मरीज चुनरी से नाक-मुंह ढ़कने का प्रयास करती। धक्का-मुक्की के चलते कुछ देर बाद अस्थाई मास्क भी हट जाता था।

ऐसी ही भीड़ मेडिसिन ओपीडी के बाहर दिखी। इस कारिडोर में एक साथ तीन ओपीडी होने के कारण मरीजों-तीमारदारों की श्वास से श्वास टकरा रही थी। इस ओपीडी में खांसी-बुखार के मरीज पहुंचते हैं। नेत्र रोग विभाग और दवा विडो पर भी कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन दिखा। गनीमत रही कि एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी सुविधा सुचारू रही। करीब 20 फीसद मरीज ऐसे रहे, जिन्हें अस्पताल से मेडिसिन पूरी नहीं मिली, बाहर से खरीदनी पड़ी। अब नहीं होता चालान

कोरोना की पहली-दूसरी लहर जिस समय चरम पर थी, स्वास्थ्य विभाग की टीम ओपीडी ब्लाक में राउंड लगाती रहती थी। मास्क नहीं पहनने वालों को चेतावनी दी जाती थी। मरीज-तीमारदार के पास मास्क नहीं है तो उसे फ्री प्रदान किया जाता था। मास्क होने के बावजूद नहीं पहनने पर चालान काटा जाता था। अब विभाग की ओर से ऐसी कोई एक्टिविटी नहीं की जा रही है। बेतरतीब खड़े दिखे वाहन

अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर वाहन नहीं खड़े हों, इसके लिए नोटिस चस्पा हैं। कालांतर में आउटसोर्सिंग के ठेकेदार, एंबुलेंस के फ्लीट मैनेजर को भी नोटिस थमाया गया था। इन्हें नजर रखनी थी, कोई वाहन बेतरतीब ढंग से खड़ा न रहे। सोमवार को भी स्थिति पहले जैसी थी, मानो नोटिस की किसी को परवाह ही नहीं है। पोषण के प्रति किया जागरूक

मतलौडा : सामुदायिक स्वास्थ केंद्र (सीएचसी) मतलौडा में पोषण स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और पोषण माह को लेकर हेल्थ वर्कर्स को जागरूक किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर ने तीन से छह साल की आयु वाले बच्चों को दी जाने वाली डाइट की जानकारी दी। इस मौके पर सीनियर मेडिकल आफिसर डा. नरेश राठी, डा. अनुराधा,डा. विकास मौजूद रहे।

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