डायलिसिस सेंटर में नहीं जनरेटर की सुविधा

सवा दो साल बीतने के बाद भी अब तक सेंटर में जनरेटर की सुविधा नहीं है। अस्पताल की बिजली से ही कंपनी काम चला रही है। बिजली फाल्ट होने या बत्ती गुल होने पर मरीजों की डायलिसिस भी रुक जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:26 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 07:26 AM (IST)
डायलिसिस सेंटर में नहीं जनरेटर की सुविधा
डायलिसिस सेंटर में नहीं जनरेटर की सुविधा

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर खुले डायलिसिस सेंटर की शनिवार की सुबह बिजली गुल हो गई। नतीजा, पांच मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए करीब छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

दरअसल, अप्रैल 2019 में पीपीपी मोड पर दीपचंद डायलिसिस सेंटर (डीसीडीसी) की ओर से सेंटर खोला गया था। उस समय बाजार रेट से 40 फीसद कम दरों पर डायलिसिस करने का दावा भी किया गया था। धीरे-धीरे दावे की पोल खुलती चली गई। सवा दो साल बीतने के बाद भी अब तक सेंटर में जनरेटर की सुविधा नहीं है। अस्पताल की बिजली से ही कंपनी काम चला रही है। बिजली फाल्ट होने या बत्ती गुल होने पर मरीजों की डायलिसिस भी रुक जाती है। कभी-कभी तो मरीजों को बिना डायलिसिस कराए लौटना पड़ता है। शनिवार को हलवाई अट्टा निवासी ईशू, कैराना निवासी सुरेशो और बिजावा निवासी सुभाष भी डायलिसिस कराने सुबह आठ बजे पहुंच गए थे।

बिजली नहीं होने के कारण कर्मचारियों ने इंतजार करने के लिए कहा। अपराह्न दो बजे बिजली आपूर्ति सुचारू हुई, तब मरीजों की डायलिसिस शुरू हो सकी। उधर, सेंटर के स्टाफ ने बताया कि जनरेटर के लिए कंपनी को कई बार ई-मेल भेज चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

मरीजों को परेशानी हुई तो रिपोर्ट भेजेंगे : सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया ने बताया कि मरीजों की शिकायत मिली है। सेंटर के स्टाफ को चेतावनी दी गई है कि सेंटर के लिए जनरेटर का इंतजाम करें। मरीजों को अधिक दिक्कतें आई तो पीपीपी मोड के डायरेक्टर को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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