अच्छा लगा जेलेजनी ने पदक जीतने पर उनके लिए तालियां बजाई: नीरज
टोक्यो ओलिपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक विजेता खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा ने कहा कि वह महान जैवलिन थ्रोअर चेक गणराज्य के जन जेलेजनी के मुरीद हैं। यह उनका सौभाग्य ही था कि ओलिपिक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता तो जेलेजनी ने खड़े होकर तालियां बजाई। जेलेजनी के शिष्य ही दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : टोक्यो ओलिपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक विजेता खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा ने कहा कि वह महान जैवलिन थ्रोअर चेक गणराज्य के जन जेलेजनी के मुरीद हैं। यह उनका सौभाग्य ही था कि ओलिपिक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता तो जेलेजनी ने खड़े होकर तालियां बजाई। जेलेजनी के शिष्य ही दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। जेलेजनी की वीडियो देखकर उन्होंने तकनीक में भी सुधार किया था।
रविवार को पसीना खुर्द में आयोजित अभिनंदन समारोह में आए हुए नीरज चोपड़ा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि स्वीडन में अभ्यास किया। इसका काफी फायदा मिला। स्वीडन से टोक्यो पहुंचा तो वातावरण में बदलाव था। इसमें ढलने में दिक्कत हुई, लेकिन तैयारी अच्छी थी तो पदक जीत लिया। वह जल्द ही पटियाला या फिर विदेश में आगामी प्रतियोगिताओं का अभ्यास करने में जुट जाएगा। जैवलिन खेल को मिलेगा बढ़वा, हरियाणा में हैं दमदार युवा
नीरज ने बताया कि उनके पदक जीतने के बाद जैवलिन खेल को देश व प्रदेश में बढ़ावा मिलेगा। भारतीय एथलेटिक्स संघ ने हर साल सात अगस्त को जैवलिन थ्रो की प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया है। इससे युवाओं का जैवलिन खेल के प्रति रुझान बढ़ेगा। हरियाणा के युवा दमदार हैं। वे जैवलिन खेल में पदक जीत सकते हैं। सरकार से मांग की जाएगी कि शिवाजी स्टेडियम में भी सिथेटिक ट्रैक बनाया जाएगा ताकि खिलाड़ियों को अभ्यास करने में दिक्कत न हो। अरशद नदीम के मामले को तूल न दें
नीरज ने मीडिया के सामने वही बात दोहराई कि ओलिपिक में खिलाड़ी की जैवलिन को दूसरा खिलाड़ी भी इस्तेमाल कर सकता है। यह नियम भी है। उनकी हाथ जोड़कर लोगों से अपील है कि उनकी जैवलिन पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम के पास होने के मामले को मुद्दा न बनाएं। नदीम अच्छा खिलाड़ी है।