कंपनी ने टोल से खुद कमाए 600 करोड़, सुविधाओं नहीं दी तो NHAI ने रद किया टेंडर

NHAI ने सुविधाएं ना देने के नाम पर एक कंपनी का टेंडर रद कर दिया है। कंपनी ने पानीपत से जालंधर 291 किलोमीटर (किमी) के सिक्स लेन प्रोजेक्ट के लिए तीन टोल पर सालाना 600 करोड़ रुपये की कमाई की। लेकिन लोगों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाईं।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 04:58 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 04:58 PM (IST)
कंपनी ने टोल से खुद कमाए 600 करोड़, सुविधाओं नहीं दी तो NHAI ने रद किया टेंडर
पानीपत से जालंधर सिक्स लेन प्रोजेक्ट में सुविधाएं ना देने पर NHAI ने रद्द किया कंपनी का टेंडर।

 अंबाला(दीपक बहल)। पानीपत से जालंधर 291 किलोमीटर (किमी) के सिक्स लेन प्रोजेक्ट के लिए तीन टोल पर सालाना 600 करोड़ रुपये की कमाई हुई, लेकिन लोगों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाईं। इससे नाखुश नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने सोमा आइसोलक्स कंपनी का टेंडर रद्द करते हुए प्रोजेक्ट से अलग कर दिया है। इसके बाद एनएचएआइ ने इस रूट पर घरौंडा (करनाल), घग्गर नदी (अंबाला) और लाडोवाल (लुधियाना) में बने टोल प्लाजा को अपने अधीन ले लिया है। एनएचएआइ और सोमा कंपनी के बीच टोल वसूली का एग्रीमेंट 2024 तक का था। एग्रीमेंट रद करने के बाद प्रोजेक्ट को अब एनएचएआइ खुद देख रही है। इस रूट से रोजाना 80 हजार वाहन गुजरते हैं।

सुविधाएं ना देने पर NHAI ने रद्द किया टेंडर

बता दें कि पानीपत से जालंधर तक सिक्स लेन प्रोजेक्ट नवंबर 2011 में पूरा होना था, लेकिन यह आज तक अधूरा है। 11 मई 2009 से तीनों टोल से वाहनों से फीस ली जाती रही है। प्रोजेक्ट की लागत 2745 करोड़ रुपये के करीब थी। साल 2008 में एनएचएआइ और सोमा कंपनी के बीच करार हुआ था। सर्विस रोड पर हरियाणा में एक रोड ओवरब्रिज (आरओबी) व पंजाब में नौ आरओबी बनाए जाने थे, जो अभी तक नहीं बने। प्रोजेक्ट में ड्रेन, फुट ओवरब्रिज, फुटपाथ, सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर एनएचएआइ और कंपनी के बीच विवाद शुरू हो गया था। एनएचएआइ ने बीच-बीच में कंपनी को नोटिस भी दिए और करीब 300 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। एनएचएआइ ने सुधार नहीं होने पर प्रोजेक्ट से सोमा कंपनी को अलग कर दिया। एनएचएआइ और सोमा कंपनी के बीच छिड़े विवाद के बाद मामला कोर्ट में भी गया, जिसके बाद अब ट्रिब्यूनल में आ चुका है।  

हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में चली लड़ाई

नवंबर 2011 में पानीपत से जालंधर सिक्स लेन प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर एनएचएआइ और सोमा कंपनी के बीच विवाद शुरू हुआ। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। सोमा कंपनी की ओर से प्रोजेक्ट में हो रही देरी में खनन सामग्री उपलब्ध होने में परेशानी और अन्य तर्क दिए गए थे। निपटारा होने पर सोमा कंपनी ने फिर से काम शुरू कर दिया था। अब एनएचएआइ अन्य कार्यों से असंतुष्ट होकर उसे प्रोजेक्ट से टर्मिनेट कर दिया है। 

टेंडर टर्मिनेट किया है : राकेश सिंह

एनएचएआइ के रीजनल आफिसर राकेश सिंह ने कहा कि सोमा आइसोलक्स का टेंडर टर्मिनेट किया जा चुका है। कंपनी के काम से असंतुष्ट होकर कार्रवाई की गई है।

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