कर्णम मल्लेश्वरी के कुलपति बनने से जगी खेल प्रेमियों को नई उम्मीद, जानिए इनके संघर्ष की कहानी

यमुनानगर शहर के सेक्टर-18 में रहने वाली कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली खेल विश्विद्यालय का कुलपति बनाया गया है। कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तलन में ओलंपिक में पदक जीता था। अब कुलपति बनने से खेल प्र‍ेमियों को नई उम्‍मीद जगी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:10 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:10 PM (IST)
कर्णम मल्लेश्वरी के कुलपति बनने से जगी खेल प्रेमियों को नई उम्मीद, जानिए इनके संघर्ष की कहानी
यमुनानगर शहर के सेक्टर-18 में रहने वाली कर्णम मल्लेश्वरी।

यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर शहर के सेक्टर-18 में रहने वाली कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली खेल विश्विद्यालय का कुलपति बनाया गया है। उनकी इस उपलब्धि से जिला के खेल प्रेमियों को नई उम्मीद जगी है। इस उपलब्धि से शहर में खुशी की लहर है। कुलपति बनने की जानकारी मिलते बधाइयों का दौर शुरू हो गया।

बता दें कि कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली भारतीय महिला हैं। 2000 में सिडनी में आयोजित ओलंपिक में कांस्य पद जीता था। इनको आयरन लेडी भी कहा जाता है। उन्हें वर्ष 1994 में अर्जुन आवार्ड, 1995 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और 1999 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है।

कर्णम मल्लेश्वरी मूलरूप से आंध्रप्रदेश की रहने वाली है। वर्ष 1997 में उनकी शादी हुडा सेक्टर-18 निवासी राजेश त्यागी से हुई। वह भी राष्ट्रीय स्तर के भारोत्तलन रहे हैं। कर्णम मल्लेश्वरी फिलहाल दिल्ली में एफसीआइ की चीफ जनरल मैनेजर के पद हैं। इनके दो बेटे 20 वर्षीय शरद व 15 वर्षीय अंगद हैं। शरद राइफल शूटिंग का खिलाड़ी है। वह भी इन दिनों तैयारी कर रहा है। वीरवार को वह पदभार संभालेंगी। परिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।

मौका मिला है देश के लिए मेडल लाने वालों को तैयार करवाने का 

कर्णम मल्लेश्वरी का कहना है कि उन्होंने काफी मेडल जीते हैं। उन्हें पहले ही बहुत सम्मान मिल चुका है। अब उनको खेल विश्वविद्यालय का कुलपति का पद की जिम्मेदारी मिली है। उनका प्रयास रहेगा कि देश के लिए बेहतर खिलाड़ी तैयार करें जो देश में मेडलों की झडी लगा दें। इसके लिए मन से काम और प्रयास किए जाएंगे। उभरती हुई प्रतिभाओं को बेहतर प्लेटफार्म दिया जाएगा। उनको निखारने के लिए काम किया जाएगा।

ये उपलब्धियां

1992 के एशियन चैंपियनशिप में तीन रजत पदक जीते ।

विश्व चैंपियनशिप में तीन कांस्य जीते।

1994 में अर्जुन पुरस्कार ।

1994 में ही एशियन गेम्ज में सिल्वर मेडल ।

1995 में वल्र्ड चैंपियन रही।

1998 में बैंकाक एशियाई खेलों में रजत पदक जीता।

1999 में पदमश्री पुरस्कार मिला।

2000 में सिडनी में आयोजित ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।

अकादमी खोलकर तराशेंगे प्रतिभा : त्यागी

कर्णम मल्लेश्वरी के पति राजेश त्यागी ने बताया कि जिले में प्रतिभाओं को तराशने के लिए बिलासपुर रोड पर खेल अकादमी की तैयारी है। इसका काफी समय से कार्य चल रहा है। इसका उद्देश्य अच्छे खिलाड़ी तैयार करना है। क्योंकि उनके समय में जिले में ज्यादा सुविधाएं नहीं मिलती थी। आने वाली पीढ़ी को इस तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

chat bot
आपका साथी