नई शिक्षा नीति में ज्ञान के साथ हुनर व सोच को बदलने का बल है : सतीश

हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्वदेशी स्वावलंबन न्यास और एसडी पीजी कालेज के संयुक्त तत्वाधान में आत्मनिर्भर हरियाणा एवं रोजगार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 08:56 AM (IST)
नई शिक्षा नीति में ज्ञान के साथ हुनर व सोच को बदलने का बल है : सतीश
नई शिक्षा नीति में ज्ञान के साथ हुनर व सोच को बदलने का बल है : सतीश

जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, स्वदेशी स्वावलंबन न्यास और एसडी पीजी कालेज के संयुक्त तत्वाधान में आत्मनिर्भर हरियाणा एवं रोजगार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता सतीश राष्ट्रीय सह-संगठक व बलराम नंदवानी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष स्वदेशी जागरण मंच रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो. अनिल वशिष्ठ डीन स्टूडेंट वेलफेयर एवं नोडल अधिकारी कुवि व महेश थरेजा पहुंचे। कार्यक्रम में जिले के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, इंजीनियरिग एवं प्राइवेट कालेजों के प्राचार्य, प्राध्यापकों, नोडल अधिकारियों व विद्यार्थियों ने भी शिरकत की। कालेज प्रधान पवन गोयल व प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य वक्ता सतीश ने कहा कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति अंतिम परिणाम को पाने के सिद्धांत पर आधारित है। अभी तक की व्यावहारिक शिक्षा का उद्देश्य केवल मात्र ज्ञान संप्रेष्ण व डिग्री देना था, परन्तु नई शिक्षा नीति में ज्ञान के साथ-साथ हुनर और सोच को बदलने पर बल है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ मूल्य और योग्यता होगी तो विद्यार्थियों को जीवन में सफलता पाने के नए और ज्यादा अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कालेजों के प्राचार्यों और प्राध्यापकों का दायित्व है की वे विद्यार्थी जागरण का बीड़ा उठाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को नौकरी करने की बजाए स्वरोजगार अपनाने का भी आह्वान किया। वहीं बलराम नंदवानी व प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में देश का विश्व को कोरोना वैक्सीन देना आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा और ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि देश के पास सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा है. ये युवा अपनी मेहनत और बुद्धि का लोहा दुनियाभर में मनवा रहे है। मंच संचालन डा. संगीता गुप्ता ने किया।

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