किसान हो रहे मालामाल, गर्म मौसम में नेट हाउस दे रहा सब्जियों को पोषण
नेट हाउस गर्म मौसम में सब्जियों की फसल के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। संरक्षित खेती को प्रोत्साहन दे रहा इंडो-इजराइल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र। गैर मौसमी सब्जियों के सुरक्षित उत्पादन से मुनाफा ले सकते हैं किसान। मूली धनिया और अन्य प्रकार की गैर मौसमी सब्जियों पर ट्रायल जारी।
करनाल, जेएनएन। गर्मी का मौसम है। इन दिनों अधिक तापमान के कारण फलों, सब्जियों और अन्य फसलों पर अक्सर प्रतिकूल प्रभाव की समस्या से किसान परेशान रहते हैं। फसल उत्पादों की गुणवत्ता घटने के कारण उन्हें खासा नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में करनाल के घरौंडा स्थित इंडो-इजराइल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र की ओर से संरक्षित खेती के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर फोकस किया गया है। इसमें नेट हाउस तकनीक काफी मददगार साबित हो रही है।
विशेषज्ञों का दावा है कि इसके इस्तेमाल से न केवल सब्जियों को मौसम और अन्य चुनौतियों से बचाया जा सकता है बल्कि, लंबे समय तक उनकी गुणवत्ता बनाए रखने में भी यह पूरी तरह कारगर है। जीटी रोड स्थित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र की गिनती भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े शोध एवं प्रशिक्षण केंद्रों में की जाती है। इजराइल के सहयोग से संचालित केंद्र में विविध प्रकार की तकनीक के जरिए किसानों और खासकर सब्जी उत्पादकों को बेहतर उत्पादन के लिए जागरुक किया जाता है। फिलहाल केंद्र संरक्षित खेती पर फोकस कर रहा है ताकि किसान उत्पादन की लागत के साथ अच्छा मुनाफा भी हासिल कर सकें। इसके दायरे में न केवल मौसमी बल्कि गैर मौसमी फसलों का उत्पादन भी लिया गया है।
केंद्र के उप निदेशक डा. दीपक धतरवाल बताते हैं कि अक्सर किसानों को मौसम की मार के चलते फसल उत्पादन में नुकसान उठाना पड़ता है। इसे देखते हुए उन्हें नेट हाउस प्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी व प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह है नेट हाउस का फायदा
गर्म मौसम में अधिक तापमान के कारण कई प्रकार की फसलों की खेती में समस्या आती है। खुले खेतों में चुनौती कई गुना बढ़ जाती है जबकि नेट हाउस में उचित तापमान बना रहता है। बाहरी कीटों और रोगों से बचाने में भी यह तकनीक काफी उपयोगी है। एक बड़ा लाभ यह भी है कि इसमें गैर मौसमी सब्जियों का उत्पादन करने के साथ उन्हें काफी समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस तरह किसान आफ सीजन में अधिक मुनाफा हासिल कर सकते हैं। अनुमान है कि एक एकड़ क्षेत्रफल के नेट हाउस में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये तक की मूली और दो लाख रुपये तक के धनिये का उत्पादन किया जा सकता है। अन्य गैर मौसमी फसलों के भी सुरक्षित व गुणवत्तापरक उत्पादन में यह तकनीक काफी कारगर है।
चल रहा ट्रायल
केंद्र में संरक्षित खेती को लेकर विभिन्न ट्रायल भी चल रहे हैं। मुख्य रूप से मूली और धनिया की फसलों पर परीक्षण किए गए हैं। नेट हाउस में दोनों सब्जियों की बिजाई की गई है। विशेषज्ञ बेहद बारीकी से देख-परख रहे हैं कि मौसम परिवर्तित होने के दरमियान फसलों पर मौसम, कीटों व विभिन्न प्रकार के रोगों का क्या प्रभाव होता है। अभी तक के नतीजे आशानुकूल रहे हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि संरक्षित खेती के फार्मूले तय करने में इससे मदद मिलेगी। इसके बूते किसान गैर मौसमी सब्जियों की बिक्री से अच्छा मुनाफा भी ले सकेंगे।
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