Neeraj Chopra: नीरज का अंदाज निराला, चुपके से दोस्‍तों और गांव वालों से मिलने पहुंच गए पानीपत

टोक्‍यो ओलिंपिक में गोल्‍ड मेडल जीतने वाले स्‍टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का अंदाज निराला है। वह पानीपत के खंडरा गांव के लोगों और दोस्‍तों से ज्‍यादा दिन तक दूर नहीं रह पाते। नीरज दोस्तों गांव वालों से मिलने चुपके से खंडरा पहुंचे। दो दिन गांव में रुके।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 10:54 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 10:54 AM (IST)
Neeraj Chopra: नीरज का अंदाज निराला, चुपके से दोस्‍तों और गांव वालों से मिलने पहुंच गए पानीपत
नीरज चोपड़ा (बायें से सातवें) से मिलने पहुंचे ग्रामीण, थर्मल प्लांट के अधिकारी व दोस्त।

पानीपत, जागरण संवाददाता। टोक्‍यो ओलिंपिक में गोल्‍ड जीतने के बाद स्‍टार बन चुके जैवलिन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अपनी माटी को नहीं भूले। टोक्यो में ओलिंपिक मेडल जीतकर जब नीरज चोपड़ा पहली बार गांव आए थे, तब स्वागत के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। आसपास के गांवों के लोग भी पहुंचे। भीषण गर्मी के बीच नीरज चोपड़ा उनके बीच खड़े रहे। समय इतना कम था कि वह अपने ही गांव वालों, पुराने दोस्तों, यहां तक कि परिवार से भी नहीं मिल सके थे। उस दिन जो कमी रह गई थी, उसे दूर करने के लिए नीरज चुपके से गांव खंडरा पहुंचे। अपने सभी पुराने दोस्तों से मिले। गांव वालों के साथ फोटो खिंचवाई। थर्मल पावर प्लांट से भी अधिकारी पहुंचे। उनका पूरा दौरा गुप्त ही रखा गया। शुक्रवार शाम को वह गांव से रवाना हो गए।

नीरज बुधवार देर रात को गांव पहुंचे थे। रात को भी इसलिए आए, ताकि किसी को पता ही नहीं चले कि वह गांव में आए हैं। अगले दिन गांव वालों को खबर दी गई कि ओलिंपिक में मेडल जीतकर लाया उनका बेटा गांव आया हुआ है। इस सूचना पर गांव के लोग घर पहुंचने लगे। नीरज ने अपने दोस्तों को भी फोन करके बताया कि गांव में हूं। आ जाओ। फिर क्या था, वीरवार और शुक्रवार, दो दिन तक नीरज इनके बीच रहे। कोई फोटो करवाता, कोई आटोग्राफ लेता तो कोई हंसी-मजाक करता। नीरज ने सभी की भावनाओं का ध्यान रखा।

जल्द मैदान में लौटना है

नीरज ने जागरण को बताया कि वह अब ज्यादा से ज्यादा समय प्रैक्टिस करना चाहते हैं। मैदान छूट जाने की वजह से वजन बढऩा शुरू हो गया है। वह दो या तीन दिन में प्रैक्टिस शुरू करेंगे। प्रैक्टिस से पहले अपने सभी दोस्तों, स्वजनों से एक बार मिलना चाहते थे। पिछली बार जब गांव आए थे, तब कोई उनसे मिल नहीं सका था।

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