समागम में तीन दिन बाद भी रुके 12 हजार श्रद्धालु

निरंकारी संत समागम के तीन दिन बाद भी करीब 12 हजार अनुयायी समागम स्थल पर डटे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 08:05 AM (IST)
समागम में तीन दिन बाद भी रुके 12 हजार श्रद्धालु
समागम में तीन दिन बाद भी रुके 12 हजार श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, समालखा : भोड़वाल माजरी में निरंकारी संत समागम समाप्त हुए तीन दिन बीत गए। अभी भी रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। रिजर्वेशन का इंतजार करने वाले करीब 10 हजार श्रद्धालु ही अभी ग्राउंड एक में रह रहे हैं। श्रद्धालुओं की सेवा और ग्राउंड में बिखरे सामानों की देखरेख के किए करीब सेवादल के 1500 जवान भी रुके हैं। ग्राउंड नंबर दो, तीन और चार पूरी तरह खाली हो गए हैं। ग्राउंड एक में भी कम श्रद्धालु ही बचे हैं। शेष बचे लोगों के लिए लंगर अभी भी चल रहा है। 

ग्राउंड एक के प्रभारी गुरदयाल सिंह ने कहा कि उनके यहां करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं का खाना 16 से 18  नवंबर के दौरान बनता था। कमोबेश यही स्थिति अन्य तीनों ग्राउंड की भी थी। डेढ़ सौ ग्राम सब्जी के अतिरिक्त ढाई सौ ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रसाद बनता था। 100 ग्राम चावल, इतने ही आट्टा और 50 ग्राम दाल एक श्रद्धालु पर औसतन खपत माना जाता है। उन्होंने कहा कि कई लोग लंगर की बजाय घर से भी खाना लेकर आते थे तो कुछ कैंटीन और बाहर का खाना पसंद करते हैं। वहीं आसपास के श्रद्धालु सत्संग में भाग लेने और सेवा करने यहां आते थे। उनका लंगर से लेनादेना नहीं होता है। खाद्य सामग्री की खपत के हिसाब से चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं के समागम में आने का अनुमान है।

सेवा बाकी रहने के कारण रुके हैं श्रद्धालु

आजमगढ़ (यूपी) के रामगरीब ने बताया कि उसका पानी के पंप पर ड्यूटी है। ग्राउंड एक में श्रद्धालुओं के होने से उनकी सेवा बाकी है। ड्यूटी पूरी कर ही वह घर लौटेगा। आजमगढ़ की शारदा और मीरा ने कहा कि उनका दो दिन बाद आरक्षण है। तब तक वे सेवा कर रही हैं। यूपी के बुलंदशहर वासी अभिषेक और योगेश ने कहा कि उनका आरक्षण शाम की ट्रेन में है। उनकी सेवा पूरी हो गई है। वे शाम की गाड़ी से वापस घर जाएंगे। कम होने लगी भीड़ : रामफल

जीआरपी के सब इंस्पेक्टर रामफल ने कहा कि अब श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने लगी है। आरपीएफ सहित जीआरपी के अधिकांश जवान चले गए हैं। अब केवल लोगों को ट्रेन पर चढ़ाने और उनकी सुरक्षा के लिए करीब दो दर्जन जीआरपी जवान ड्यूटी दे रहे हैं। 

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