कैथल स्थित श्री छोटी देवी माता मंदिर : राजा के सपने में आई थीं मां भगवती, खुदाई की गई तो सभी रह गए दंग
कैथल में भाई उदय सिंह के शासन में श्री छोटी देवी माता मंदिर की स्थापना की गई थी। बताया जाता है कि राजा भाई उदय सिंह के सपने में मां भगवती आई थीं। इसके बाद खुदाई की गई तो प्रतिमा निकली।
कैथल, जेएनएन। कैथल शहर में भाई उदय सिंह किला के समीप स्थित श्री छोटी देवी माता मंदिर का इतिहास 500 से अधिक वर्ष पुराना है। यह मंदिर महाभारत कालीन है। इस मंदिर की काफी मान्यता है, जिसके चलते नवरात्र पर्व पर यहां पर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। चैत्र नवरात्र पर यहां पर सात दिवसीय यज्ञ आयोजित करवाया जा रहा है। अष्टमी के दिन यहां पर हजारों लोग पूजा करने के लिए पहुंचते हैं।
यह हैं मंदिर का इतिहास
मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित विनायक भारद्वाज ने बताया कि ऐतिहासिक कथा के अनुसार भाई उदय सिंह के शासन में इस मंदिर की स्थापना भाई उदय सिंह ने स्वयं करवाई थी। इस मंदिर से किले व महल तक का रास्ता गुफाओं से होकर जाता था, आज भी वे रास्ते ऐसे ही खुले हैं। राजे-महाराजे मंदिरों में गुफाओं के माध्यम से पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में पहुंचते थे। बताया जाता है कि मां ने स्वयं भाई उदय सिंह को उनके स्वपन में आकर दर्शन दिए थे। उस समय यह मंदिर नहीं था। मां सपने में आने के बाद भाई उदय सिंह ने अपने महल से 200 मीटर की दूरी पर स्थित मैदान में खुदाई करवाई तो मां की प्रतिमा यहां से मिली और मंदिर की स्थापना हुई। इस मंदिर में मां को राजेश्वरी के नाम से जाना जाता था। उस समय राजे महाराजाओं की देवी इसे कह जाता था। सप्तमी के दिन जो मेला लगता है उसकी शुरूआत भी तभी से हुई थी।
सभी मनोकामनाएं होती पूर्ण
श्री छोटी देवी माता मंदिर के पुजारी विनायक भारद्वाज ने बताया कि इस समय नवरात्र पर्व चल रहे हैं। पर्व को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है। नवरात्र पर्व पर यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जो भी भक्त यहां माता टेककर मन्नतें मांगता है उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। नवरात्र पर सप्तमी व अष्टमी के दिन यहां मेला लगता है।
वर्तमान में यह है स्थिति
यह मंदिर छोटी ईंटों से बनाया गया है। लैंटर से 51 फीट तक मंदिर ऊपर उठाया गया है। मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है। इसके साथ ही मंदिर में भगवान श्री राम, शिव मंदिर, मां काली और भगवान हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित हैं। मंदिर में स्थापित मां के दरबार के पीछे एक हाल भी स्थापित किया हैं, जहां पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें: बेटी पूरे कर रहे टैक्सी चालक पिता के ख्वाब, भाई ने दिया साथ तो कामयाबी को बढ़े हाथ
यह भी पढ़ें: पानीपत में बढ़ रहा कोरोना, बच्चों को इस तरह बचाएं, जानिये क्या है शिशु रोग विशेषज्ञ की सलाह
यह भी पढ़ें: चोट से बदली पानीपत के पहलवान की जिंदगी, खेलने का तरीका बदल बना नेशनल चैंपियन