एनजीटी की सख्ती, और ज्यादा बढ़ सकते हैं ईंट के दाम, जानिए क्या है वजह
लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह से एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्ती दिखाई है। एनजीटी ने भट्ठों को बंद रखने का आदेश दिया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन में रियायत मिलते ही वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। तीन जुलाई को एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 274 तक पहुंच गया था। ऐसे में एनजीटी ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है।
वायु प्रदूषण के स्तर को बढऩे से रोकने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी भट्ठों का सर्वे करेगा। सर्वे पूरा होने तक भट्ठे बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के लिए निरीक्षण टीमों का भी गठन किया है। ये टीमें सर्वे कर यह सुनिश्चित करेंगी कि अब कोई भी ईंट भट्ठे न चले। अगर इस दौरान कोई ईंट भट्ठे चलते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। सर्वे में भट्ठों ने मानक पूरे किए हैं या नहीं, यह डाटा तैयार किया जाएगा।
डीएफएससी सुभाष सिहाग ने बताया कि एनजीटी( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने ईंट भट्ठे संचालकों पर कई प्रकार की पाबंदियां लगाई है। यही नहीं, कोयला आधारित भट्ठों को गैस आधारित करने की कवायद भी शुरू की गई है। एनजीटी ने ईंट भट्ठे संचालकों को 30 जून तक ही चलाने की छूट दी थी। विभाग ने इस संबंधी भट्टों को बंद करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एनजीटी के निर्देशों का पालन ठीक ढंग से करवाया जा सके।
ईंट के दाम और तेज होंगे
ईंट भट्ठे बंद रहने से भाव और अधिक उछलेंगे। फिलहाल अव्वल ईंट का भाव 7100 रुपये से अधिक चल रहा है। जिसका कंस्ट्रक्शन कार्यों पर असर पड़ेगा।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत सिंह ने बताया कि जुलाई से तीन महीने के लिए भट्ठे बंद होते हैं। भट्ठे मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने भट्ठे सर्वे के पूरा होने के बाद ही चलाएं। सभी भट्ठे की जांच होगी। जो भट्ठे एनजीटी की गाइडलाइन को पूरा करेगा। उसे ही चलने दिया जाएगा। पानीपत में 85 ईंट भट्ठे लगे हुए हैं।