Nagar Kirtan: कर्ण नगरी पहुंचा नगर कीर्तन, जगह-जगह स्वागत, गूंजे जो बोले सो निहाल के स्वर

नगर कीर्तन में मोटर साइकिल पर सवार युवाओं के जत्थे के साथ वाहनों का काफिला शामिल रहा। नमस्ते चौक से शहर में प्रवेश करने के बाद मीरा घाटी चौक महाराणा प्रताप चौक होते हुए गुरुद्वारा डेरा कार सेवा पहुंचा जहां नगर कीर्तन ने रात्रि विश्राम लिया।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 08:06 PM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 08:06 PM (IST)
Nagar Kirtan: कर्ण नगरी पहुंचा नगर कीर्तन, जगह-जगह स्वागत, गूंजे जो बोले सो निहाल के स्वर
करनाल पहुंचे नगर कीर्तन का स्वागत करते हुए लोग।

करनाल, जागरण संवाददाता। बैंड पर बजती मितर प्यारे नूं की मधुर धुन और जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के पावन स्वर के मध्य शनिवार को गुरु दाता बंदी छोड़ नगर कीर्तन कर्ण नगरी पहुंचा। नेशनल हाईवे स्थित नमस्ते चौक पर संगत ने पूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन का स्वागत किया। यहां पुष्प वर्षा की गई। इस दौरान समूचा वातावरण धर्ममय नजर आया। दाता बंदी छोड़ के प्रेरक प्रसंग पर भी विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया।

गुरु हर गोविंद सिंह महाराज की ओर से जहांगीर की कैद से 52 हिंदू राजाओं को रिहा करवाने के प्रसंग के उपलक्ष में गुरु दाता बंदी छोड़ का चार सौ साला समारोह इन दिनों पूरे देश में मनाया जा रहा है। इसके तहत मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आरंभ हुआ नगर कीर्तन दिल्ली के बाद सोनीपत, पानीपत व अन्य स्थानों से होते हुए शनिवार की शाम करनाल पहुंचा। जीटी रोड पर जगह जगह नगर कीर्तन का गरिमापूर्ण स्वागत किया गया। नमस्ते चौक स्थित सरदार इंद्रपाल सिंह की फैक्ट्री के आगे गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा सुक्खा सिंह की अगुवाई में हजारों की संख्या में जुटी सिख संगत ने नगर कीर्तन का स्वागत किया। नगर कीर्तन पर फूलों की बारिश की गई। बोले सो निहाल सत श्री अकाल के नारों से माहौल गूंज उठा।

नगर कीर्तन में मोटर साइकिल पर सवार युवाओं के जत्थे के साथ वाहनों का काफिला शामिल रहा। नमस्ते चौक से शहर में प्रवेश करने के बाद मीरा घाटी चौक, महाराणा प्रताप चौक होते हुए गुरुद्वारा डेरा कार सेवा पहुंचा, जहां नगर कीर्तन ने रात्रि विश्राम लिया। नगर कीर्तन का स्वागत हरियाणा चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज, एचएसआईडीसी वैलफेयर एसोसिएशन तथा फार्मा के पदाधिकारियों में शामिल आरएल शर्मा, कृष्णलाल सिंगला और मनोज अरोड़ा ने किया। श्री सनातन धर्म महाबीर दल की तरफ से महासचिव रमन गुप्ता ने भी स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा सुक्खा सिंह, इंद्रपाल सिंह, वरिंदर सिंह, गुरपाल सिंह, हरजीत सिंह, दीप उप्पल, गुरुसेवक सिंह आदि उपस्थित थे।

इसलिए निकाला जा रहा नगर कीर्तन

गुरु हर गोविंद सिंह महाराज ने मुगल राजा जहांगीर की कैद से 52 राजाओं को मुक्त करवाया था। इस दिन को दाता बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। ये राजा ग्वालियर किले में कैद थे। इस प्रसंग की याद में चल रहे 400 साला शताब्दी समारोह के तहत ग्वालियर में दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारे से नगर कीर्तन 27 अक्टूबर को शुरू हुआ। इसके बाद यह मुरैना, धौलपुर, आगरा, मथुरा, फरीदाबाद, दिल्ली, सोनीपत व पानीपत होते हुए करनाल पहुंचा। रविवार सुबह यहां से चलकर नगर कीर्तन अंतत: तीन नवंबर को अमृतसर पहुंचेगा।

बाबा सेवा सिंह कर रहे अगुवाई

नगर कीर्तन की अगुवाई बाबा सेवा सिंह खंडूर साहिब वाले कर रहे हैं। नगर कीर्तन में पंच प्यारे और पालकी साहिब लोगों की आस्था का केंद्र बनी है। करनाल की संगत ने चाय के प्रसाद के साथ पानी, फल और अन्य खाद्य एवं पेय सामग्री वितरित कीं। सुबह आठ बजे डेरा कारसेवा से रवाना होकर नगर कीर्तन सेक्टर 14 व 13 सहित अर्बन एस्टेट होते हुुए निर्मल कुटिया चौक पहुंचेगा। यहां से नगर कीर्तन अमृतसर स्थित दरबार साहिब के लिए रवाना होगा। मार्ग में जगह जगह स्वागत किया जाएगा।

हरियाली व स्वच्छता का संदेश

नगर कीर्तन में शामिल जत्थे की ओर से राह में स्वच्छता और हरियाली का संदेश भी दिया जा रहा है। जहां भी पड़ाव लगता है, वहां चार पौधे रोपे जाते हैं। इसी तरह लंगर या स्वागत आदि के कार्यक्रमों के दौरान कहीं भी गंदगी नहीं फैलने दी जाती। करनाल आगमन पर भी नगर कीर्तन के साथ चल रही युवाओं की टीम हाथों में बड़े पालिथिन बैग लेकर गंदगी एकत्र करते नजर आए। इसी तरह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से करनाल में पौधारोपण का कार्यक्रम भी रखा गया है।

दुपहिया व चौपहिया वाहन शामिल

मध्य प्रदेश के ग्वालियर से चले नगर कीर्तन में 52 बुलेट सहित चौपहिया वाहन चल रहे हैं। गुरुग्रंथ साहिब की सजी पालकी भी कीर्तन में है, जिसके साथ मौजूद सेवादार प्रसाद वितरण कर रहे हैं। रविवार को करनाल से चलकर करीब पांच सौ लोगों का यह जत्था तीन नवंबर को अमृतसर पहुंचेगा, जहां परंपरागत ढंग से बंदी छोड़ दीपावली मनाई जाएगी। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुरूप स्वर्ण मंदिर से 10 किलोमीटर पहले नगर कीर्तन में हाथी व घोड़े भी शामिल होंगे।

chat bot
आपका साथी