Triple talaq के खिलाफ बने कानून से सुरक्षित हुई मुस्लिम महिलाएं, आवाज उठा मांंग रहीं अपना हक

तीन तलाक के खिलाफ बने कानून की वजह से मुस्लिम महिलाएं अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। मुस्लिम महिलाओं ने तलाक के खिलाफ आवाज भी उठाई और इंसाफ के लिए थाने के दरवाजे पर भी पहुंचीं। पढ़ें ये रिपोर्ट।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:11 AM (IST)
Triple talaq के खिलाफ बने कानून से सुरक्षित हुई मुस्लिम महिलाएं, आवाज उठा मांंग रहीं अपना हक
तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के साथ से ही मुस्लिम महिलाएं हक के लिए आगे आ रही है। अब पति भी उन्हें तीन बार तलाक बोलने से डर रहे हैं। जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है। जिले की बात करें, तो एक साल में 13 मामले ऐसे सामने आए हैं। जिनमें महिलाओं को तीन बार तलाक बोलना उनके पतियों को भारी पड़ा। महिलाओं ने आवाज उठाई और पतियों के खिलाफ केस दर्ज कराए। सितंबर 2021 में ही तीन तलाक से संबंधित चार केस अलग-अलग थाने में दर्ज हुए हैं।

तीन तलाक के खिलाफ कानून लागू होने के बाद जिले में सबसे पहला मामला बूड़िया थाना में दर्ज हुआ था। यहां पर एक महिला को पति ने तीन बार तलाक बोला। जिस पर उसने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज किया था। साथ ही आरोपित पति को भी गिरफ्तार किया था।

लगातार हो रहे मामले दर्ज

अब मुस्लिम महिलाओं को यदि पति तीन बार तलाक बोलता है, तो पुलिस भी शिकायत मिलते ही मामला दर्ज करती है। 30 जून को सदर यमुनानगर थाने में तीन तलाक का केस दर्ज हुआ था। रायपुर कालोनी निवासी 30 वर्षीय साबरा को पति ने तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाला था। 29 जून को भी सदर यमुनानगर थाने में तीन तलाक का केस दर्ज हुआ था। मंडौली निवासी गुलिस्ता को बेटी पैदा होने पर पति ने तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाला था। इसके अलावा बूड़िया थाने में छह जून को तीन तलाक का केस दर्ज हुआ। महिला के साथ जेठ ने मारपीट करते हुए कपड़े फाड़े। इस बारे में पति को बताया, तो उसे तीन बार तलाक देकर घर से निकाल दिया था।

कानून का भी डर है लोगों में

तीन तलाक के खिलाफ कानून डर भी लोगों में है। हाल ही में आरपीएसएफ के एसआइ अफसर अली को पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में सामने आया कि वह उसे तीन तलाक देना चाहता था, लेकिन कानून होने की वजह से केस दर्ज होने का डर था। यदि केस दर्ज होता, तो उसकी नौकरी पर असर पड़ सकता था। इसी तरह से ही अन्य मामले भी है। जहां महिलाएं तीन तलाक का शिकार होने से बची हैं।

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