Nagar Nigam: दीपावली से पहले यमुनानगर में सील होंगी दुकानें, नगर निगम ने लिया सख्‍त फैसला

यमुनानगर नगर निगम ने सख्‍त फैसला लिया है। नगर निगम ने बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दीपावली के बाद 20 दुकानों को सील करने की तैयारी है। निगम की कुल 300 दुकानों पर बकाया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:08 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:08 AM (IST)
Nagar Nigam: दीपावली से पहले यमुनानगर में सील होंगी दुकानें, नगर निगम ने लिया सख्‍त फैसला
नगर निगम ने दुकानों को सील करने का फैसला लिया है।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। नगर निगम की दुकानों का किराया अदा न करने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई तय है। दीपावली के बाद इनको सील किया जा सकता है। इसके लिए नोटिस जारी किए गए हैं। प्रथम चरण में यमुनानगर व जगाधरी शहर की 20 दुकानों को सील किया जाना है। इस दुकानों पर करीब 50 लाख रुपये बकाया है। इसके लिए कर शाखा के अधिकारियों ने कमिश्नर अजय सिंह तोमर से स्वीकृति भी ले ली है। दीपावली के बाद सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है।

बता दें कि नगर निगम की कुल 300 दुकानों पर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। हालांकि गत दिनों निगम की ओर से की गई सीलिग की कार्रवाई के बाद कुछ दुकानदारों ने किराया अदा किया, लेकिन अभी बकायादारों की कतार लंबी है। अब निगम की ओर से अन्य दुकानदारों को भी किराया अदा करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं।

300 दुकानों पर ज्यादा बकाया

यमुनानगर-जगाधरी शहर में निगम की करीब 1200 दुकानें हैं। इनमें से 300 दुकानें ऐसी हैं जिन्होंने काफी समय से किराया अदा नहीं किया। हालांकि नगर निगम की ओर से इनको बार-बार नोटिस भेजे गए, लेकिन दुकानदारों ने गंभीरता से नहीं लिया। हर माह किराया बढ़ता चला गया। यह करीब दो करोड़ तक पहुंच गया। गत दिनों हुई कार्रवाई के बाद कुछ दुकानदारों ने किराया अदा कर दिया और कुछ ने नियमानुसार किराया अदा करने का एग्रीमेंट लिखवा लिया।

नामी शोरूमों के नाम भी शामिल

निगम की दुकानों का किराया लंबे से बकाया है। ऐसे दुकानें भी हैं जिनको लाखों में पहुंच गया है। सामान्य दुकानें ही नहीं बल्कि शोरूम मालिक भी समय पर किराया नहीं दे रहे हैं। ऐसे कई नामी शोरूम सील भी किए जा चुके हैं। नगर निगम अधिकारियों ने आज तक ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई। विरोध से बचते रहे। एग्रीमेंट के मुताबिक हर माह किराया अदा करना होता है। बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर अब तक ऐसे दुकानदारों पर मेहरबानी क्यों बरती गई।

बढ़ेगी निगम की आमदन

जन प्रतिनिधियों का कहना है कि निगम अधिकारियों का कहना है कि समय पर यदि किराए आएगा तो निगम की आमदन बढ़ेगी। किराए के रूप में आने वाला पैसा निकास कार्यों पर खर्च किया जा सकेगा। निगम के पास कम से कम यह बहाना तो नहीं रहेगा कि बजट नहीं है। दुकानदारों को चाहिए कि समय पर किराया अदा करें। दुकानों में करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है, लेकिन निगम को किराया देने में गुरेज किया जा रहा है।

स्वयं जमा करवा दें किराया

नगर निगम की दुकानों का किराया समय पर जमा करवाना जरूरी है। जिन दुकानदारों ने लंबे समय से किराया जमा नहीं करवाया, उनको समय-समय पर नोटिस दिए जाते हैं। किराया न देने पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि इस बारे दुकानदारों को पहले भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं। निगम का मकसद दुकानदारों को परेशान करना नहीं है। किराए के बकायदार दुकानदारों को चाहिए की स्वयं ही निगम कार्यालय में किराया जमा कराकर कार्रवाई से बचें।

अजय सिंह तोमर, कमिश्नर, नगर निगम।

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