स्थानीय निकाय नहीं अपडेट, भटकते रहिए

निदेशालय की वेबसाइट पर प्रदेश के 80 स्थानीय निकायों में से केवल 14 ही अपडेट हैं। लोगों को नहीं मिलती सूचना।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 04:19 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 04:19 PM (IST)
स्थानीय निकाय नहीं अपडेट, भटकते रहिए
स्थानीय निकाय नहीं अपडेट, भटकते रहिए

जागरण संवाददाता, पानीपत : निदेशालय की वेबसाइट पर प्रदेश के 80 स्थानीय निकायों में से केवल 14 का वार्षिक लेखा-जोखा ही अपडेट है। 2017-18 के रिकॉर्ड देखें तो 66 के कॉलम आज भी खाली हैं। 10 नगर निगमों में से केवल हिसार निगम ने ही अपनी सूची अभी तक दी। शहरी स्थानीय निकाय मंत्रालय ने पारदर्शिता के लिए इसे शुरू किया था। इससे भी बड़ी बात, 2016-17 की रिपोर्ट भी 62 स्थानीय निकायों ने आज तक नहीं सौंपी। प्रदेश के 18 शहर ही इस पर खरे उतर पाए हैं। करनाल की इंद्री व अंबाला की नारायणगढ़ नगर पालिका इस मामले में आगे रही। इसका बीते तीनों वित्त वर्षों का आंकड़ा वेबसाइट पर दुरुस्त है। वहीं, गुरुग्राम, झज्जर, कैथल, महेंद्रगढ़, पलवल, पानीपत व यमुनानगर जिले के किसी भी स्थानीय निकाय की अकाउंट स्टेटमेंट साइट पर नहीं है। इन स्थानीय निकायों की अकाउंट स्टेटमेंट ही ऑनलाइन

1. अंबाला

नारायणगढ़ नगरपालिका

2. भिवानी

बवानीखेड़ा नगरपालिका

3. फतेहाबाद

फतेहाबाद नगर निगम, रतिया, जाखल व टोहाना नगरपालिका

4. हिसार नगर निगम

5. जींद

उचाना नगर पालिका

6. करनाल

इंद्री नगर पालिका

7. कुरुक्षेत्र

शाहबाद नगर पालिका

8. मेवात

फिरोजपुर झिरका व पुन्हाना नगर पालिका

9. रोहतक

कलानौर नगर पालिका

10. सिरसा

ऐलनाबाद नगर पालिका

11 सोनीपत

गन्नौर नगरपालिका 10 जिलों में 31 स्थानीय निकाय, इनका दो साल का डाटा अपडेट नहीं

निदेशालय के वेबसाइट पर हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, कैथल, महेंद्रगढ़, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी व यमुनानगर जिले की वार्षिक लेखा-जोखा ऑनलाइन नहीं है। इन जिलों के किसी भी स्थानीय निकाय की अकाउंट स्टेटमेंट रविवार तक वेबसाइट पर अपडेट नहीं थी। इन 10 जिलों में 31 स्थानीय निकाय हैं। इनके बीते दो वित्त वर्षों की अकाउंट स्टेटमेंट वेबसाइट पर नहीं है। प्रदेश में 80 स्थानीय निकाय

नगर निगम 10

नगर परिषद 18

नगर पालिका 52

कुल 80 फायदा क्या : कोई भी देख सकता है किस वित्त वर्ष में क्या किया?

स्थानीय निकायों का रिकॉर्ड यदि ऑनलाइन हो तो आम आदमी भी पूरे वर्ष की आमदनी और खर्च के आंकड़े देख सकता है। इससे सबके सामने होता कि स्थानीय निकायों ने वित्त वर्ष में कहां कितना खर्च किया? कहां से कितनी आमदनी हुई। निदेशालय को इसका पूरा ब्यौरा देना होता है।

हेड ऑफिस ने हमसे यह अकाउंट स्टेटमेंट नहीं मांगी है। हमारे पास हर साल की रिपोर्ट तैयार है। जैसे ही मांगेंगे इसे भेज देंगे।

संजय कालीरमन, सीनियर अकांउट ऑफिसर, नगर निगम, करनाल

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