करनाल में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत, एक बुजुर्ग ने दम तोड़ा

करनाल में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। स्वजनों ने ऑक्सीजन न लगाने का आरोप लगाया। 15 दिन पहले यहां गर्भवती महिला को इलाज के लिए तड़पना पड़ा था।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 01:57 PM (IST)
करनाल में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत, एक बुजुर्ग ने दम तोड़ा
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में सुविधाओं का अभाव है और मरीज दम तोड़ रहे हैं।

करनाल, जेएनएन। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में सुविधाओं का अभाव है और मरीज दम तोड़ रहे हैं। कोरोना की आड़ में स्टाफ कर्मचारी खुद को बेश्क सुरक्षित कर रहे हैं। करीब 15 दिन पहले यहां गर्भवती महिला सहित स्वजनों को घंटों इलाज के लिए तरसना पड़ा था और अब फिर स्टाफ की लापरवाही के चलते शनिवार को एक गर्भवती महिला की मौत हो गई है।

जिले के प्रथम अधिकारी अपनी खामियों को छिपाने के लिए लगातार सुविधाओं का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत में तिमारदार अपने मरीज को भर्ती करवाने के लिए यहां घंटों भटकते हैं। अधिकारियों के निरीक्षणों में अगर गंभीरता होती तो अस्पताल में लोगों को घर से पंखा लेकर न आना पड़ता और मरीज को ऑक्सीजन भी समय से मिलती। दूसरी तरफ, हांसी रोड स्थित शालीमार कालोनी वासी महिला का आरोप है कि अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा समय से ऑक्सीजन न लगाने के कारण उनके बुजुर्ग की मौत हो गई है।

इलाज के लिए दो घंटे भटकते रहे जच्चा-बच्चा के स्वजन

मृतका के स्वजनों ने बताया कि सुबह पांच बजे नागरिक अस्पताल में पहुंचे थे, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में भेज दिया। मृतका के पेट में आठ माह का बच्चा था और उसकी तबीयत काफी खराब थी। आरोप है कि चिकित्सकों को मिन्नत करने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हुई। यहां-वहां भटकाने के दो घंटे बाद जब कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीज को भर्ती किया तो व्हील चेयर उपलब्ध नहीं करवाई गई। मरीज को एंबूलेंस से पैदल ही वार्ड तक लेकर जाया गया। स्वजनों का आरोप है कि अगर समय से इलाज और ऑक्सीजन मिलती तो जच्चा-बच्चा की मौत नहीं होती।

बुजुर्ग को नहीं मिली ऑक्सीजन की सुविधा

हांसी रोड स्थित शालीमार कॉलोनी वासी महिला का आरोप है कि एक दिन पहले सांस में तकलीफ होने पर बुजुर्ग को अस्पताल में लेकर आए थे। यहां पर चिकित्सकों ने इलाज में कोताही बरती। रात जब बुजुर्ग को सांस लेने में परेशानी हो रही थी उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी। चिकित्सकों ने बुजुर्ग को ऑक्सीजन नहीं लगाई, जिसके चलते उन्होंने दम तोड़ दिया है। महिला के अनुसार अस्पताल में मरीज को पंखे के लिए तरसना पड़ा, जिसके चलते वे घर से पंखा लेकर भी आए। ऐसे में सवाल उठता है कि जिले के प्रथम अधिकारी लगातार अस्पतालों में सुविधाओं के दावे कर रहे हैं बावजूद लापरवाही के कारण होने वाले मौत खामियों को उजागर करती है।

अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सकों की तैनाती : दुरेजा

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल के निदेशक जगदीश चंद दुरेजा ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए 24 घंटे चिकित्सकों की तैनाती की गई है। कोरोना संक्रमण मरीजों के इलाज को स्टाफ भी बढ़ाया गया है। जच्चा-बच्चा की मौत पर उन्होंने बताया कि मरीज की तबियत खराब थी, बावजूद समय पर महिला को इलाज दिया गया। अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त बेड हैं और सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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