यमुनानगर में लॉकडाउन के 7 दिन में अधिक मिले कोरोना संक्रमित, मौतों का आंकड़ा बढ़ा
यमुनानगर में कोरेाना संक्रमण का कहर बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन के एक सप्ताह में सबसे ज्यादा कोरेाना संक्रमित का कहर रहा है। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं मौत के आंकड़ों का रिकार्ड भी टूटा है।
यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाया। अभी संक्रमण दर लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए लॉकडाउन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। जिले में लॉकडाउन के बावजूद केसों में बढ़ोतरी हुई। तीन मई से आठ मई तक 2380 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 1987 मरीज ठीक हुए हैं। 31 मौतें हुई है। लॉकडाउन से पहले एक सप्ताह की बात करें, तो जिले में 2355 कोरोना संक्रमित मिले। इस दौरान 1962 मरीज ठीक हुए। 22 संक्रमितों की मौत हुई।
यह रही लॉकडाउन की स्थिति :
तारीख - संक्रमित - ठीक हुए - मौत
03 मई-215 - 253 - 4
04 मई-471 - 367 - 3
05 मई- 390 - 176 - 5
06 मई- 465 - 354 - 7
07 मई - 403 - 356 - 5
08 मई- 436 - 481 - 7
लॉकडाउन से पहले की स्थिति -
26 अप्रैल- 342 - 293 - 2
27 अप्रैल - 315 - 247 - 3
28 अप्रैल - 298 - 231 - 3
29 अप्रैल - 325 - 284 - 2
30 अप्रैल - 393- 313 - 4
01 मई - 397 - 191 - 3
02 मई- 285 - 403 - 5
यह है चालानों की स्थिति :
तीन मई - 163
चार मई- 89ं
पांच मई- 144
छह मई- 158
सात मई - 148
आठ मई- 131
लॉकडाउन से पहले --
26 अप्रैल - 229
27 अप्रैल- 253
28 अप्रैल - 215
29 अप्रैल - 260
30 अप्रैल - 159
एक मई - 140
दो मई- 157
संक्रमण बढ़ने की यह वजह :
लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े। इसकी एक वजह यह भी है कि यदि लोग एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं, तो उसका असर एक सप्ताह बाद दिखता है। मरीज के संपर्क में आने वाले तीन से चार दिन में लक्षण दिखते हैं। फिर वह जांच कराता है। रिपोर्ट आने से दो से तीन दिन लग जाते हैं। एक सप्ताह बाद ही उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो पाती है। एसपी कमलदीप गोयल का कहना है कि लॉकडाउन इसलिए ही लगाया गया है। ताकि लोग घरों में रहे। जिन लोगों को अनुमति दी गई है। वहीं बाहर आ रहे हैं। लोग मास्क पहनने लगे हैं। लॉकडाउन के दौरान मास्क के चालानों में इसलिए ही कमी आई है।