विधायक प्रमोद विज ने रिफाइनरी के पास सस्ती जमीन मांगी

प्रमोद विज ने वीरवार को विधानसभा में लगातार दूसरी बार उद्यमियों की समस्या को उठाया। इस बार उन्होंने उद्यमियों के लिए जमीन मांगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 06:04 AM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 06:04 AM (IST)
विधायक प्रमोद विज ने रिफाइनरी के पास सस्ती जमीन मांगी
विधायक प्रमोद विज ने रिफाइनरी के पास सस्ती जमीन मांगी

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर से भाजपा के विधायक एवं निर्यातक प्रमोद विज ने वीरवार को विधानसभा में लगातार दूसरी बार उद्यमियों की समस्या को उठाया। इस बार उन्होंने उद्यमियों के लिए जमीन मांगी। साथ ही, यह भी कहा कि उद्यमियों को बेवजह परेशान न किया जाए। उन्हें नोटिस न दिए जाएं। इसके जवाब में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जमीन के बारे में योजना बनाई जाएगी। साथ ही आश्वस्त किया कि विभागों के साथ बैठक करके निर्देश दिए जाएंगे कि जो पहले से उद्योग चला रहे हैं, उन्हें नोटिस न दिए जाएं।

विज ने कहा कि एचएसआइआइडीसी का 1967 में, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का 1977 में गठन हुआ था। पानीपत नगर निगम क्षेत्र व कंट्रोल एरिया में 1960 में उद्योग कारखाने विकसित हो गए थे। काबड़ी फाटक जैसे क्षेत्रों में न केवल उद्योगों में भारी मात्रा में उत्पादन हो रहा है, बल्कि घनी आबादी भी बस गई है। इस उद्योग क्षेत्र के लोग सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) की शर्तो को किसी सूरत पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकते। पानीपत में नया उद्योग लगाना एक बड़ी विकट समस्या है। इसका समाधान एक ही बनता है कि पानीपत के पुराने व स्थापित हो चुके उद्योगों को सीएलयू में ढील दी जाए। नगर निगम पानीपत व डीटीपी विभाग को आदेश किए जाएं कि पुराने व स्थापित हो चुके उद्योगों को न तो नोटिस दें और न ही उन्हें कोई नुकसान पहुंचाया जाए, क्योंकि इससे समाज में एक नकारात्मक संदेश जाता है और जनाक्रोश फैलता है। उद्योगों को भारी आर्थिक नुकसान का अंदेशा बना रहता है। विधानसभा में अपनी बात रखने के बाद विज ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से भी मुलाकात की। उनसे भी सहयोग मांगा।

ये दिया सुझाव, 5500 रुपये गज हो जमीन

प्रमोद विज ने सदन को बताया कि रिफाइनरी के पास 923 एकड़ जमीन है। महंगा भाव होने के कारण पिछले आठ से नौ साल तक केवल 20 एकड़ जमीन ही बिक सकी है। यदि यह जमीन 5500 रुपये गज के हिसाब से औद्योगिक सेक्टर को अलॉट कर दी जाए तो न केवल नए उद्योग लगाने में मदद मिलेगी बल्कि सरकार का रेवेन्यू भी आ जाएगा ।

दुष्यंत का जवाब, मेडिकल हब बनाया जाना है

उपमुख्यमंत्री एवं संबंधित विभाग के मंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पानीपत में मेडिकल उपकरण बनाने का हब विकसित किया जाना है। इस जगह का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के अलावा उद्योगों के लिए भी जमीन दी जा सकती है। जहां तक नोटिस की बात है, विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि किसी भी उद्योग को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए। राजनीतिक मायने..क्योंकि परेशान हैं उद्यमी

दरअसल, पानीपत शहर में इस समय उद्यमी सरकारी विभागों के नोटिस से बेहद परेशान हैं। एक तरफ टेक्सटाइल इंडस्ट्री विकास कर रही है, दूसरी तरफ फैक्ट्री लगाने वाले उद्यमी को नोटिस देकर उसकी फैक्ट्री गिरा दी जाती है। विज ने सदन में स्पष्ट कहा भी इससे जनाक्रोश की भावना पनपती है। सदन में उनकी बात के मायने हैं। सरकार तक आवाज पहुंचाई गई है। इससे उद्यमियों तक भी संदेश दिया कि वह उनके साथ हैं।

chat bot
आपका साथी