3 साल से लापता पिता छिपकर बच्चों से मिलने पहुंचा पानीपत, पड़ोसी ने मिलवाया, तभी मचा अपहरण का शोर
पानीपत में तीन साल से लापता पिता गांव पहुंचा। छिपकर वह पड़ोसी की मदद से बच्चों से मिलना चाहता था। किसी तरह से बच्चों को बुलाया गया और पिता से मिले। तभी अपहरण का शोर मच गया। पुलिस प्रशासन भी दौड़ा।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया। एक पिता तीन साल पहले लापता हो गया था। पड़ोसी को फोन करके बच्चों के हाल चाल लेता रहता। बच्चों से मिलने की इच्छा हुई तो गांव छिप छिपाकर पहुंचा। वहां बच्चों से मिलकर रोने लगा। इसी बीच गांव में अपहरण का शोर मच गया।
कवि गांव के राजकीय कन्या हाई स्कूल से नौंवी कक्षा की छात्रा तमन्ना और तीसरी कक्षा के साहिल के अपहरण की सूचना मिली तो पुलिस प्रशासन ने हाई अलर्ट कर दिया। मुख्यालय से सूचना मिलते ही थाना प्रभारी मंजीत ङ्क्षसह ने टीम सहित गांव पहुंच प्रिंसिपल सतबीर से जानकारी लेकर तलाश शुरू कर दी। एक घंटे बाद भाई-बहन घर की तरफ आते मिले तो पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली। पूछताछ के बाद पता चला कि तीन साल से लापता हुआ उनका पिता धर्मबीर ही बच्चों से मिलने आया था।
थाना प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि उन्हें बाल्मीकि चौपाल के पास दुपहिया पर हेलमेट लगाकर आए दो युवकों द्वारा तमन्ना और साहिल का अपहरण किए जाने की सूचना मिली। तत्परता दिखाते हुए वीटी कराकर थाना क्षेत्र के पुलिसकर्मियों को कड़ी नजर रखकर बच्चों को तलाशने के आदेश दिए। वहीं बच्चों ने पूछताछ में बताया कि वे पड़ोसी सुनील के घर गए थे।
सुनील की पत्नी ने बताया कि धर्मबीर अक्सर उसके पति के पास फोन करके एक बार बच्चों से मिलवाने की इच्छा जताता था। तीन साल से लापता बच्चों का पिता धर्मबीर वीरवार को उनके घर आया। सुनील और धर्मबीर ही बाइक पर दोनों बच्चों को बैठाकर उनके घर लाए थे। सुनील दोनों बच्चों को गले लगाकर रोया भी था। उसने सुनील और धर्मबीर के सालवन जाने का दावा किया।
तीन साल से कहां है, नहीं पता
दयानंद ने बताया कि उनके बेटे धर्मबीर की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। धर्मबीर ने दूसरी शादी की और पत्नी को लेकर तीन साल पहले घर छोड़कर चला गया। आज तक उन्हें नहीं पता कि धर्मबीर कहां है। तलाशने पर भी उसका कोई भेद नहीं लगा। धर्मबीर के गांव आने की सूचना मिली, लेकिन आज भी वे बेटे का चेहरा तक नहीं देख पाए।
बच्चों को कहा, किसी को मेरे बारे में नहीं बताना
बच्चों से मिलने के बाद धर्मबीर भावुक हो गया। वहीं तीन साल बाद पिता के सीने से लगे दोनों बच्चे भी रोने लगे। पड़ोसी सुनील और उसकी पत्नी ने किसी तरह तीनों का ढांढस बंधाया था। तमन्ना ने कहा कि हमें पापा व मम्मी की बहुत याद आती है।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें: महिला सशक्तिकरण की अजब मिसाल, कोरोना काल में दिखाया ऐसा जज्बा, हर कोई कर रहा सलाम
यह भी पढ़ें: हरियाणा का एक गांव ऐसा भी, जहां हर युवा को है सेना में भर्ती का नशा