दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद और 31 हजार रुपये जुर्माना, मामला देखते हुए अधिकतम सजा दी

कुरुक्षेत्र की अदालत ने दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है। 31 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। अप्रैल 2019 का मामला है। मां बीमार पति का इलाज कराने करनाल गई थी। आरोपित ने घर में घुसकर 15 साल की किशोरी से दुष्कर्म किया था।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:30 AM (IST)
दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद और 31 हजार रुपये जुर्माना, मामला देखते हुए अधिकतम सजा दी
कुरुक्षेत्र में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाया।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की स्पेशल फास्ट ट्रैक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद की सजा दी है। अदालत ने दोषी पर 31 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना न जमा करने पर दोषी को चार माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।

डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि शहर थाना पुलिस के अंतर्गत रहने वाली एक महिला ने 24 अप्रैल 2019 को महिला थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति बीमार था। वह उसका इलाज कराने के लिए करनाल गई हुई थी। उसकी 15 साल की बेटी घर पर अकेली थी। इस दौरान अब्दुल सलीम ने उसके घर में घुस कर उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। दोषी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। महिला थाना पुलिस ने आइपीसी की धारा 376 (3), आइपीसी की धारा 452, 506 तथा 6 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मामले की जांच एसआइ परमजीत कौर को सौंपी।

जुर्माना न भरने पर चार माह की अतिरिक्त कैद

पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल कराया और कानूनी प्रक्रिया के तहत धारा 164 सीआरपीसी के तहत अदालत में बयान दर्ज कराए थे। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। केस में 10 मई 2020 को चालान तैयार करके अदालत में पेश किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात आरोपित अब्दुल सलीम को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषी को 20 साल की कैद व 31 हजार रुपये जुर्माना किया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को चार माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।

कोर्ट ने दोषी को दी अधिकतम सजा 

डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि अदालत ने आइपीसी की धारा 376(3) के तहत अधिकतम सजा दी है। 16 साल से कम आयु की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने पर आइपीसी की धारा 376(3) के तहत केस दर्ज होता है। आइपीसी की धारा 376(3) में अधिकतम 20 साल की सजा का प्रावधान है। जिस समय केस दर्ज किया गया था उस समय 6 पोक्सो एक्ट में सजा का प्रावधान कम था। आइपीसी की धारा 452 के तहत पांच साल की कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना तथा आइपीसी की धारा 506 में एक साल कैद व एक हजार रुपये जुर्माना किया गया है।

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