कोरोना की दूसरी लहर बरपा रही कहर, कुरुक्षेत्र में प्रवासियों को सता रहा लॉकडाउन का डर

पहले के मुकाबले तेजी से फैल रहे कोरोना से लाकडाउन लगने को लेकर प्रवासी मजदूरों ने किया अपने अपने प्रदेशों को पलायन। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर घर जाने के लिए प्रवासी मजदूरों की देखी जा रही भीड़।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 08:25 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 08:25 AM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर बरपा रही कहर, कुरुक्षेत्र में प्रवासियों को सता रहा लॉकडाउन का डर
लॉकडाउन को लेकर प्रवासियों में डर सता रहा।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने देश के अंदर कहर बरपा दिया है। पहले के मुकाबले देश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। जिसके चलते एक बार फिर लाकडाउन लगने की स्थिति पैदा होती दिख रही है। कोरोना के बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगाने की तैयारी कर ली है।

कुछ राज्यों में सरकारें सख्ती दिखाने लगी हैं। इससे मजदूरों को लग रहा है कि इस साल फिर लॉकडाउन लग सकता है। लाकडाउन के डर के चलते एक बार फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। ये लोग अपने घर लौटने लगे हैं। पिछले साल लाकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए प्रवासियों ने पहले ही पलायन शुरू कर दिया है।

रोजाना रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर मजदूर वापस घर जाने के लिए आ रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर खासतौर से दिल्ली की ओर से आने वाली ट्रेनों में मजदूरों की ठसाठस भीड़ चल रही है। बिना रिजर्वेशन मजदूरों को जिस ट्रेन में जगह मिल वह उसी में सवार होकर घर पहुंचना चाहते हैं। सबसे बुरे हालात दिल्ली की ओर से आने वाली ट्रेनों के हैं। इन ट्रेनों में मजदूरों की भीड़ देखकर पिछले साल की यादें ताजा हो गई हैं। लाकडाउन लगने के बाद जिस ट्रेनों में मजदूर लटकर यात्रा कर रही थे उसी तरह इस बार भी मजदूर ट्रेनों में पलायन कर रहे हैं। बिना रिजर्वेशन भीड़ ट्रेनों में चढ़ रही है।

पिछले वर्ष की परेशानियां सता रही हैं मजदूरों को

बीते वर्ष लगे लाकडाउन में प्रवासी मजदूरों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ा था। जिसे लेकर मजदूरों में भय के साथ साथ असुरक्षा की भावना पैदा हो गई थी। लाकडाउन लगने की अफवाहों के बीच मजदूर अपने को असुरक्षित समझ रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं पिछले वर्ष की तरह इस बार भी संकटों का सामना करना पड़े। यही कारण है कि मजदूरों में घरों को वापिस जाने की होड़ लगी हुई है।

मंडियों में हो रही मजदूरों की कमी

अनाज मंडी में इस समय गेहूं का सीजन जोरों पर है। ऐसे में मजदूरों के पलायन करने से मंडियों में भी असर पड़ रहा है। मंडी में लेबर नहीं है। मजदूर संघ के प्रधान धर्मपाल ने बताया कि मंडी में मजदूरों की कमी खल रही है। जिस कारण मंडी का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण जब पिछले साल लाकडाऊन की घोषणा हुई तो यातायात अचानक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ी थी। मजदूरों के लिए जब खाने की परेशानी हुई तो वह पैदल ही घर को निकल पड़े और सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर किसी तरह अपने घर पहुंचे थे जिसके बाद सीजन शुरू हुआ तो मजदूर काफी मशक्कत के बाद वापस लौटे थे। लेकिन अब दोबारा से कोरोना के मामले बढऩे पर सख्ती शुरू हुई तो प्रवासी मजदूरों ने लाकडाउन के भय से पलायन शुरू कर दिया है।

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