कोरोना काल में मजदूरों के लिए संजीवनी बनी मनरेगा योजना
कोरोना काल में मनरेगा योजना गरीब-मजदूरों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। घर बैठे करीब ढाई हजार मजदूरों को रोजगार मिल गया है। मजदूरों को अबतक हुए कामों की 25 लाख रुपये पेमेंट भी कर दी गई है। करीब तीन करोड़ रुपये से रजवाहे और तालाबों की सफाई का काम होना है।
जागरण संवाददाता, समालखा : कोरोना काल में मनरेगा योजना गरीब-मजदूरों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। घर बैठे करीब ढाई हजार मजदूरों को रोजगार मिल गया है। मजदूरों को अबतक हुए कामों की 25 लाख रुपये पेमेंट भी कर दी गई है। करीब तीन करोड़ रुपये से रजवाहे और तालाबों की सफाई का काम होना है।
लॉकडाउन के दौरान गरीब और मजदूरों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए सरकार ने खंड में करीब 3 करोड़ के एक दर्जन कामों को इसी माह हरी झंडी दी थी। बीडीपीओ कार्यालय ने जॉब कार्ड वाले मजदूरों को बुलाकर काम शुरू करने कहा था। साइटों पर कोरोना नियम के तहत मास्क, सैनिटाइजर आदि का प्रबंध कर सभी जगहों पर काम शुरू करने कहा। सभी को भीड़ से बचने की हिदायत भी दी। महामारी के दौरान आर्थिक तंगी में रोजगार मिलने से मजदूरों को संजीवनी मिली। उन्होंने तुरंत काम शुरू कर दिया। इन कामों में लगे हैं मजदूर
मजदूरों ने समालखा, नरायणा, मनाना, किवाना, चुलकाना, आहुलाना और गन्नौर क्षेत्र के 30 किलोमीटर रजवाहे सहित ढिडार, मच्छरौली व भोड़वाल माजरी के तालाबों की सफाई शुरू कर दी है। पट्टीकल्याणा, गढ़ीत्याग्यान और नरायणा के तालाबों की सफाई को भी मंजूरी मिल गई है, जिन पर काम शुरू होना शेष है। 315 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं
एबीपीओ दिनेश कुमार ने बताया कि जिले के इसराना, मतलौडा सहित समालखा खंड के 7 करोड़ रुपये के मनरेगा कामों को मंजूरी सरकार से मिली है। इसमें मजदूरों को 315 रुपये काम के हिसाब से प्रतिदिन काम मिलता है। अबतक के कामों के करीब 25 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्राथमिकता के आधार पर काम शुरू करवाया गया है। मजदूरों को आर्थिक परेशानी नहीं हो इसके लिए जल्द से जल्द पेमेंट दी गई है।