हर आयु वर्ग को हो रहा मानसिक रोग, बढ़ रही संख्या

एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य..इसी थीम पर आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 10 से 14 अक्टूबर तक होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों का शेड्यूल तैयार कर लिया है। बात आंकड़ों की करें तो सिविल अस्पताल की मानसिक रोग ओपीडी में जनवरी से अब तक 3083 मरीजों ने इलाज कराया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:02 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:02 AM (IST)
हर आयु वर्ग को हो रहा मानसिक रोग, बढ़ रही संख्या
हर आयु वर्ग को हो रहा मानसिक रोग, बढ़ रही संख्या

जागरण संवाददाता, पानीपत : एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य..इसी थीम पर आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 10 से 14 अक्टूबर तक होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों का शेड्यूल तैयार कर लिया है। बात आंकड़ों की करें तो सिविल अस्पताल की मानसिक रोग ओपीडी में जनवरी से अब तक 3083 मरीजों ने इलाज कराया।

इनमें 21.63 फीसद तनाव, 15 फीसद दौरा रोग से ग्रस्त मिले। मनोरोग विशेषज्ञ डा. मोना नागपाल ने बताया कि इस समय हर आयु वर्ग के लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त हैं। खासकर, कोरोना महामारी में मरीज संख्या बढ़ी है। लंबे समय तक शिक्षण संस्थान बंद रहने, आनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चे भी मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। लगभग एक फीसद आबादी दिमागी बीमारी से पीड़ित हैं। डिप्रेशन, दौरा, एंजाइटी (चिता), सिर का दर्द, तनाव और माइग्रेन के दर्द से अधिक पीड़ित रहते हैं। अधिकांश लोगों को काउंसलिग के जरिए ठीक किया जा सकता है। बीमारी पुरानी होने पर मेडिसिन देनी पड़ती है। चिकित्सक ने बताया कि परिवार में बच्चा, युवा, बुजुर्ग, किसी भी आयु का व्यक्ति है,उससे बातचीत करते रहें।उसकी बातों को सुनें, ताकि उसे अपनापन लगे।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने बताया कि अस्पताल में ओएसटी सेंटर (ओपिआयड सब्स्टीट्यूशन थैरेपी सेंटर) भी खुला हुआ है। यहां किसी भी प्रकार के नशे (शराब, धूम्रपान, अफीम का सेवन, इंजेक्शन व नशे की गोलियां खाना) की लत को छुड़वाया जाता है। पांच दिन के कार्यक्रम :

10 अक्टूबर : मदर टेरेसा होम में स्वास्थ्य जांच शिविर ।

11 अक्टूबर : सेक्टर 13-17 में योग

12 अक्टूबर : युवाओं की जागरूकता रैली

13 अक्टूबर : कार्यालयों में गोष्ठियां

14 अक्टूबर : शिक्षण संस्थानों में आनलाइन सत्र

जनवरी से अब तक पहुंचे मरीज :

शरीर में दर्द 552

दौरा पड़ना 469

तनाव 667

माइगग्रेन 394

चक्कर आना 96

भूलने की बीमारी 130

शराबी 55

तंबाकू सेवन 20

मादक पदार्थ सेवन 42

मनोविकार 36

भ्रम की स्थिति 109

घबराहट 85

चिता 20

व्यवहार परिवर्तन 11

मानसिक दिव्यांग 31

सिरदर्द 10

हंसना-रोना 35 ये हैं मानसिक विकार :

-हर समय तनाव-चिता में घिरे रहना।

-मन में घबराहट, उदासी या बेचैन रहना।

-मन में गलत विचारों का आना।

-नींद व भूख कम होना।

-जीवन नीरस लगना।

-दिमागी फितूर में तोड़-फोड़ करना।

-उन्माद या दिमागी तेजी, पागलनपन।

-बहकी-बहकी बातें करना।

-लगातार बोलते रहना।

-बिना वजह शक और गुस्सा करना।

-बहुत तेज घबराहट या डर जाना।

-अकेले यात्रा करने से डरना।

-अनचाहे विचारों का बार-बार आना।

-एक काम को कई-कई बार करना।

-बार-बार हाथ धोना।

-चीजों को अति व्यवस्थित रखने का प्रयास। बच्चों में मानसिक रोग :

-मंद बुद्धि बच्चे का अधिक चंचल होना।

-एक जगह स्थिर होकर नहीं बैठना।

-देर से बोलना, बैठना व खड़े होना।

-पढ़ाई में कमजोर होना, स्कूल ना जाना।

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