न्यू टाउनशिप क्लब और सहयोग परिवार के सदस्य पहुंचा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर

रात को 12 बजे भी सिलेंडर भरवाने के लिए निकल पड़ते हैं। अब तक 89 से ज्यादा सिलेंडर भरवा चुके हैं। जैसे ही कहीं से कोई फोन आता है तो सिलेंडर पहुंचा दिए जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 07:13 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 07:13 AM (IST)
न्यू टाउनशिप क्लब और सहयोग परिवार के सदस्य पहुंचा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर
न्यू टाउनशिप क्लब और सहयोग परिवार के सदस्य पहुंचा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर के न्यू टाउनशिप क्लब व सहयोग परिवार के सदस्य दिन-रात में 24 घंटे ऑक्सीजन सिलेंडर लोगों तक पहुंचा रहे हैं। रात को 12 बजे भी सिलेंडर भरवाने के लिए निकल पड़ते हैं। अब तक 89 से ज्यादा सिलेंडर भरवा चुके हैं। जैसे ही कहीं से कोई फोन आता है तो सिलेंडर पहुंचा दिए जाते हैं।

क्लब के सदस्य गौरव लीखा ने बताया कि जो लोग होम आइसोलेशन पर हैं, उनको घर पर ही फ्री में ऑक्सीजन सिलेंडर भिजवा दिए जाते हैं। रात को भी सिलेंडर घरों तक पहुंचा रहे हैं। इसके लिए संस्थान के 15 सदस्य लगे हुए हैं। काफी लोगों के फोन आते हैं कि सर हमारे पास खाली सिलेंडर नहीं है। प्लीज मदद कर दीजिए। इसके बाद स्थिति को देख उसकी मदद की जाती है। जब उनका सिलेंडर खाली होता है तो संस्था के सदस्य ही वापस लाते हैं। मोहित बजाज ज्ञान अरोड़ा, वैभव छाबड़ा, रचित जग्गा, पंकज दुआ, राजीव चौपड़ा, अनिल रेवड़ी, गौरी शंकर व अतुल सहयोग दे रहे है।

ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन भी देते हैं

गौरव लीखा ने बताया कि जरूरतमंदों को ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन भी दी जाती है। अगले कुछ दिनों जब उनके पास सभी उपकरण हो जाते हैं तो मशीन को वापस ले लिया जाता है। कंसन्ट्रेटर हवा से ऑक्सीजन गैस बनाता है, इसे रिफिल कराने की जरूरत नहीं होती।

फ्री में उपलब्ध करवाते भोजन व दवाइयां

क्लब के सचिव नवीन भाटिया ने बताया कि जरूरतमंद को अगर भोजन या दवाई की जरूरत है तो उन्हें फ्री में ही उपलब्ध करवाई जाती है। मरीज को हरसंभव सेवा न्यू टाउनशिप क्लब द्वारा दी जाती है।

यहां तक जा चुके हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

अभी तक उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, गुरुग्राम, सफीदों, पानीपत शहर समेत कई जगहों पर ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाए जा रहे हैं। होम डिलिवरी करने से पहले वॉलंटियर अपने स्तर पर जांचते हैं कि जिसने भी सिलेंडर मंगवाया है, उसे जरूरत है भी या नहीं। इसके बाद ही ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जा रहे हैं।

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