मास्टर नहीं ये हैं मसीहा, कैंसर मरीज का करा चुके इलाज, कार को बना डाला एंबुलेंस
जितेंद्र खिजरपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। स्कूल के बाद वे असहाय लोगों का सहयोग करने की ड्यूटी में जुट जाते हैं। अपनी कार को भी एंबुलेंस की तरह प्रयोग करते हैं। बीमार मरीजों की देखरेख दवाएं व्हीलचेयर सेनेटरी पैड जैसी तमाम मदद कर रहे हैं।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। जिसका कोई नहीं उसका तो वो है यारों...। यह गाने की पंक्तियां हैं जो जन सहयोग संस्था के मास्टर जितेंद्र के ऊपर एकदम सटीक बैठती हैं। अज्ञात, बेसहारा, बीमार और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए मास्टर जितेंद्र किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। जितेंद्र खिजरपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। स्कूल के बाद वे असहाय लोगों का सहयोग करने की ड्यूटी में जुट जाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर मरीज से लेकर कोमा में गई बच्ची के जीवन भर का जिम्मा उठाने वाली जन सहयोग संस्था के एक्टिव सदस्य हैं। इन्होंने अपनी कार को भी एंबुलेंस की तरह प्रयोग करना शुरू कर दिया और अब बीमार मरीजों की देखरेख करने, दवाएं, व्हीलचेयर, सैनेटरी पैड जैसी तमाम मदद कर रहे हैं।
रविवार को की इनकी मदद
जन सहयोग संस्था सचिव मास्टर जितेंद्र ने रविवार को संरक्षक हरपाल गाफिल, मेलीराम यशपाल जैन, गगनदीप, हिमांशु, स्नेक मैन गुलशन प्रजापति, सेवानिवृत्त अधिकारी आरएस मलिक, डा. दीपक अग्रवाल, राजेश सैन के साथ मिलकर रविवार को सन्निहित सरोवर पर जीवन यापन कर रही एक दिव्यांग बुजुर्ग को ट्राई साइकिल भेंट की। इसके अलावा कैंसर मरीज नेहा को गदैला, कंबल, चावल, आटा और सैनेटरी पैड उपलब्ध कराए। थानेसर रेलवे स्टेशन के पास से उजड़े हुए परिवार की ठहरने की व्यवस्था, गर्म कपड़े, गदैला, कंबल और चावल की मदद की गई। लाइलाज बीमारी से पीड़ित गीता के परिवार को गदैला, कंबल और पिंकी देवी व सरोज के परिवार को राशन भेंट किया।
सिर जुड़े हुए बच्चे का कराया ऑपरेशन
खेड़ी दाबदलान में दो सिर के साथ जन्मे बच्चे के लिए भी जन सहयोग संस्था ने सहयोग किया और आपरेशन के लिए हजारों रुपये एकत्रित किए। बाद में ऋषिकेश एम्स में उसका आपरेशन कराया गया, जिसके बाद बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है।
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाना संस्था का ध्येय : जितेंद्र सिंह
जन सहयोग संस्था के सचिव मास्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जन सहयोग संस्था बिना जनता के सहयोग के अधूरी है। संस्था के सदस्यों के बिना वे कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि संस्था का लक्ष्य लोगों के चेहरों पर छोटी सी मुस्कान लाना है। बीमार है उसका उपचार कराना है और जरूरतमंद लोगों की जरूरत करना है। इसी ध्येय के साथ संस्था काम कर रही है और करती रहेगी।