हरियाणा में जन्म-मृत्यु सेवाओं से संबंधित आवेदनों के निपटान में कई जिले फिसड्डी, ये हैं हालात
रोहतक भिवानी हिसार नूंह करनाल गुरूग्राम अंबाला फरीदाबाद सोनीपत कैथल व पानीपत में एक हजार से ज्यादा आवेदन अटके हैं। इसी तरह झज्जर जींद सिरसा चरखी दादरी फतेहाबाद यमुनानगर रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में 500 से ज्यादा आवेदन पेंडिंग हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल। सरल पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हो रहे जन्म-मृत्यु सेवाओं से संबंधित आवेदनों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। इसी प्रकार राइट टू सर्विस एक्ट (आरटीएस) की सीमा से बाहर हो गए आवेदनों का भी निपटारा नहीं हो पा रहा है। प्रोजेक्ट निदेशक ने सभी सिविल सर्जन को समीक्षा बैठक से पहले इसे निपटारा करने के निर्देश जारी किए हैं।
जिन जिलों में एक हजार से ज्यादा आवेदन अटके हैं, उनमें रोहतक, भिवानी, हिसार, नूंह, करनाल, गुरूग्राम, अंबाला, फरीदाबाद, सोनीपत, कैथल व पानीपत शामिल हैं। इसी तरह से जिन जिलों में 500 से ज्यादा आवेदन अटके हैं, उनमें झज्जर, जींद, सिरसा, चरखी दादरी, फतेहाबाद, यमुनानगर, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ शामिल हैं। डैशबार्ड रिपोर्ट के तहत अटके हुए आवेदनों के बारे में जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में आवेदनों का आरटीएस समय सीमा के तहत निपटान नहीं हो रहा है। इसमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आती है।
सिविल अस्पताल व नगर पालिकों में दर्ज होता है रिकार्ड
सिविल सर्जन डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि सरल पोर्टल पर अटके हुए आवेदनों का जल्द से जल्द निपटारा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। कैथल जिले में 25 सिविल अस्पतालों व पांच नगर परिषद, नगर पालिकों में नाम दर्ज होता है।
राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 8 सेवाएं
सिविल सर्जन ने बताया कि सिविल अस्पतालों में जिला नागरिक अस्पताल, नया व पुराना, छह सीएचसी व 17 पीएचसी शामिल हैं। इसी तरह से कैथल शहर की नगर परिषद के साथ-साथ राजौंद, कलायत, गुहला-चीका, पूंडरी में जन्म एवं मृत्य प्रमाण पत्र से संबंधित आवेदन किए जाते हैं। राइस टू सर्विस एक्ट के तहत आठ सेवाएं आती हैं। इनमें जन्म एवं मृत्य प्रमाण पत्र बनवाना, जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन, मृत्यु प्रमाण पत्र में संशोधन, अनु उपलब्धता प्रमाण पत्र, नाम दर्ज करवाना, देरी से आवेदन करने का कारण शामिल है।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें