शिक्षा के मंदिर बने स्वच्छता के मंदिर, अंबाला के स्कूलों में कचरे से बन रही खाद, लोग भी आए आगे

अंबाला के स्कूल शिक्षा के मंदिर के साथ स्वच्छता के मंदिर बन चुके हैं। यहां कचरा प्रबंधन की मिसाल पेश की जा रही है। स्कूलों कॉलेजों में कचरे से खाद बनाई जा रही है। शहर के 30 कॉलेजों में यह काम जारी है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 04:58 PM (IST)
शिक्षा के मंदिर बने स्वच्छता के मंदिर, अंबाला के स्कूलों में कचरे से बन रही खाद, लोग भी आए आगे
स्कूलों की पहल से प्रेरित होकर अब लोग घरों में कचरे से खाद बना रहे हैं।

अंबाला, जेएनएन। नगर निगम की प्ररेणा से अंबाला के स्कूलों, कालेजों, पार्कों और घरों में कचरे से खाद बनाने का काम नियमित किया जा रहा है। अब लोगों ने खुद ही घरों में भी गीला व सूखे कचरे से खाद बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस खाद का प्रयोग घरों में पौधों में डालकर किया जा रहा है। वहीं कचरा प्रबंधन होने से शहर भी स्वच्छ व सुंदर बनेगा। 

नगर निगम शहर को कचरा मुक्त बनाने और लोगों को गंदगी नहीं फैलाने के प्रति जागरुक करने में जुटा है। इसके लिए मुख्य बाजारों में जूट के बैग भी वितरण करता रहता है। वहीं शहर को सुंदर और कचरा मुक्त बनाने के लिए डोर-टू-डोर कंचरा प्रबंधन और गीला-सूखा कचरा उठाने का काम किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों, कालेज, स्कूलों और बाजार में लोगों को पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा हैं। अब नगर निगम ने लोगों को कचरे से खाद बनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

इन कॉलेजों में बनाई जा रही खाद

इसमें शहर के पीकेआर जैन कालेज, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्यायज, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रेम नगर, एमडीएसडी गल्स कालेज, एसए जैन समेत 30 कालेज में कचरे से खाद बनाने का काम जारी है। वहीं निगम के करीब 30 पार्कों और कुछ घरों में भी कचरे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। इस कार्य के लिए निगम संस्थानों को प्रमाण पत्र भी देता है। 

सभी स्कूलों में बन रही कचरे से खाद

नगर निगम सिटी टीम लीडर अजय ने कहा कि अंबाला शहर के सभी स्कूल और कालेजों में कचरे से खाद बनाने का काम नियमित जारी है। घरों में कचरे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। 

इस तरह बनेगी कचरे से खाद

पार्कों, स्कूलों और कालेज में पेड़ों के सूखे पत्ते गिरते हैं। इन पत्तों को एक जगह पर एकत्र किया जाता है। यहां पर सूखे पत्तों पर पानी गिरा दिया जाता है। इस दौरान करीब 30 से 40 दिन बाद कचरे से खाद बनाने का काम पूरा हो जाता है। वहीं घरों में गीले और सूखे कचरे को अलग किया जाता है। इसके बाद गीले कचरे के मिश्रण को मिक्स किया जाता है। इस दौरान करीब 30 से 40 दिन में कचरे से खाद बनने का काम पूरा हो जाता है।

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