पानीपत बार एसोसिएशन चुनाव में 93 वर्षों से पुरुष वकीलों का वर्चस्व, नामांकन के लिए भी नहीं आतीं महिलाएं

पानीपत बार एसोसिएशन का चुनाव खास है। 93 साल से पानीपत बार एसोसिएशन के चुनाव में पुरुषों का वर्चस्‍व है। प्रधान पद पर नामांकन का साहस नहीं जुटा सकीं महिला वकील। इस बार भी अभी तक महिला वकील का नाम नहीं आया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 08:38 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 08:38 AM (IST)
पानीपत बार एसोसिएशन चुनाव में 93 वर्षों से पुरुष वकीलों का वर्चस्व, नामांकन के लिए भी नहीं आतीं महिलाएं
पानीपत बार एसोसिएशन के चुनाव में पुरुषों का वर्चस्‍व है।

पानीपत, [राज सिंह]। पानीपत जिला बार एसोसिएशन, पानीपत का जन्म वर्ष 1928 में हुआ था। 93 वर्षों में बार की कुर्सी पर पुरुष वकीलों का ही वर्चस्व रहा है। पुरुषों की बराबरी की हुंकार भरने वाली नारी शक्ति प्रधान पद के लिए नामांकन तक का साहस नहीं कर सकी है। अब तक के इतिहास की बात करें तो संयुक्त सचिव पद की प्रत्याशी मीनू कमल तीसरी महिला वकील हैं, जो वर्ष 2018 में संयुक्त सचिव चुनी गईं थी। इनसे पहले मात्र दो महिला वकीलों ने उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर विपक्षी को शिकस्त दी थी।

इस बार चुनाव 17 दिसंबर 2021 को होना है। अतीत में झांकें तो एसोसिएशन का गठन वर्ष 1928 में हुआ था, खान ताहवर अली अहमद पहले प्रधान चुने गए। वर्ष 1929 में शुगन चंद रोशन एसोसिएशन के प्रधान बने। उन्होंने वर्ष 1938 व 48 में भी जिम्मेदारी संभाली। रतनलाल जैन वर्ष 1930 में प्रधान बने और वर्ष 1943 में भी प्रधान चुने गए। वर्ष 1935 में प्रधान चुने गए वकील ज्वाला वाला प्रसाद ने अलग-अलग वर्ष में आठ बार एसोसिएशन की कुर्सी संभालते हुए, रिकॉर्ड बनाया। वर्ष 1932 में प्रधान चुने गए जयभगवान जैन और वर्ष 1934 में प्रधान बने कुंदनलाल शर्मा ने अलग-अलग वर्ष में छह-छह बार प्रधान की जिम्मेदारी संभाली। इनके अलावा धर्म सिंह अग्रवाल, बाबूराम गोपाल व उम्मेद सिंह अहलावत 4 बार प्रधान चुने गए। रमेशचंद बेकस व रणधीर घनघस को भी 3 बार प्रधान बनने का अवसर मिला था।

दो बार चुने गए प्रधानों में रतनलाल जैन, सुंदर दास मल्होत्रा, मिलखी राम कपूर, सूरत सिंह, एसएन सिंगला, रमेश चंद शर्मा, नकुल सिंह छोक्कर व सतेन्द्र सिंह का नाम शुमार है।वर्ष 1988 से 90 तक दो-दो वकील संयुक्त रूप से बार की कुर्सी संभाल चुके हैं। मौजूदा प्रधान शेर सिंह खर्ब भी हैट्रिक लगा चुके हैं।

महिला वकीलों ने लड़ा चुनाव

वर्ष 1998 में एडवोकेट आशा शर्मा और वर्ष 2004 में एडवोकेट नीलम खन्ना ने उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की थी। वर्ष 2018 में मीनू कमल संयुक्त सचिव चुनी गईं थी।

जज की कुर्सी तक पहुंची वकील

वकीलों से मिली जानकारी मुताबिक एडवोकेट बबीता त्यागी, सर्वप्रीत, खुशबू, मुकेश गाहल्याण व मधुरिमा आदि जिला बार एसोसिएशन, पानीपत की सदस्य रहीं और अलग-अलग अदालतों की जज भी बनी।

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