माजरा खाप ने कहा, मुकेश हत्या केस को जातीय रंग दे रही सरकार

गांव निर्जन के किसानों की पंचायत हुई। माजरा खाप की पंचायत में संदीप की गिरफ्तारी का विरोध किया गया। कहा गया कि सरकार मुकेश हत्या केस को जातीय रंग दे रही है। जो गलत है। गांव के संदीप फोर को आरोपित बनाना गलत है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:35 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:35 PM (IST)
माजरा खाप ने कहा, मुकेश हत्या केस को जातीय रंग दे रही सरकार
बदोवाल टोल पर चल रहा किसानों का धरना।

जींद, जेएनएन। निर्जन के किसानों की पंचायत मंगलवार को उदेराम मास्टर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें 36 बिरादरी के किसानों ने भाग लिया। पंचायत में गांव के संदीप फोर को झज्जर के कसार गांव के मुकेश की हत्या में आरोपित बनाए जाने पर गुस्सा सरकार के खिलाफ रोष जताया गया। मास्टर उदेराम फोर ने पंचायत को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और सभी प्रतिनिधियों ने जिम्मेदारी ली कि माजरा खाप पंचायत के आह्वान पर इस मामले में पूरे जोर-शोर से हिस्सा लेंगे।

खाप के प्रेस प्रवक्ता समुंदर सिंह फोर ने सरकार से अनुरोध किया वह समाज को तोडऩे का काम न करे। सत्ता आती-जाती रहती है, भाईचारे की हर किसी को जरूरत होती है। मुकेश हत्या केस को सरकार जातीय रंग दे रही है, जो सफल नहीं होगी।

फोर ने कहा कि इस केस में 5-6 वीडियो जारी हुई हैं, जिनमें एक को छोड़कर सभी वीडियो बताती हैं कि मुकेश ने आत्महत्या की है। आग लगाने के लिए जिस पेट्रोल पंप से मुकेश ने तेल लिया, उसके सीसीटीवी खराब कैसे हो गए? किसानों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की और अस्पताल तक भिजवाया। वहां पर कुछ लोगों ने गलत वीडियो बनाई, जिसमें देखने से पता चलता है कि मुकेश पर ये लोग हां भरवा रहे हैं।

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी : तंवर

अपना भारत मोर्चा के राष्ट्रीयाध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। अपराधियों के हौंसलें बुलंद हैं और वो खुले आम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। डा. अशोक तंवर अर्बन एस्टेट स्थित सुभाष कौशिक के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महापूंजीपतियों की सरकार है। इस सरकार में काला धन वापस आने की बजाए डबल हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में दिल्ली बार्डर की घटनाओं को सरकार की ओर से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। सरकार आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए ओच्छे हथकंडे अपना रही है। सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगों को माने और तुरंत प्रभाव से इन कानूनों को रद करे।

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