Navratri 2021: कैथल में महाभारत कालीन देवी महाकाली मंदिर, भीम की पत्नी हिडिंबा ने पांडवों के लिए यहां की थी पूजा

Navratri 2021 कैथल के प्रताप गेट स्थित अंबेकश्वर आश्रम में स्थापित महाकाली मंदिर का इतिहास महाभारतकालीन का है। यह पांच हजार वर्ष पुराना मंदिर है। मान्‍यता है कि यहां पर भीम की पत्‍नी हिडिंबा ने पांडवों की जीत के लिए पूजा की थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 03:33 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 03:33 PM (IST)
Navratri 2021: कैथल में महाभारत कालीन देवी महाकाली मंदिर, भीम की पत्नी हिडिंबा ने पांडवों के लिए यहां की थी पूजा
कैथल में महाभारत कालीन मां काली का मंदिर।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल के प्रताप गेट स्थित अंबेकश्वर आश्रम में स्थापित महाकाली मंदिर का इतिहास महाभारतकालीन है। यह करीब पांच हजार वर्ष पुराना मंदिर है। इस मंदिर में ही भीम की पत्नी हिडिंबा ने कौरवों पर जीत हासिल करने को भगवान शिव व मां काली की पूजा-अर्चना की थी। बता दें कि इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुए शिवलिंग है। मां काली के मंदिर में प्रत्येक शनिवार को दूर-दराज से श्रद्धालु पूजा-अर्चन करने के लिए पहुंचते है। इन श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर से जिला और राज्य ही नहीं, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है।

मंदिर के पुजारी महंत प्रेमानंद पुरी ने बताया कि ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार जिस समय कुरुक्षेत्र की 48 कोस की भूमि पर कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध के समय पांडव भीम की पत्नी हिंडिंबा ने कौरवाें से जीत प्राप्त करने के लिए मां काली व भगवान शिव की अाराधना की थी। पुरी ने बताया कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी हजारों वर्ष पहले पाताल से प्रकट हुआ था। मुगलकाल के समय में इस स्थान पर मंदिर का निर्माण हुआ था। महंत ने बताया क औरंगजेब और अकबर के समय में मंदिर में स्थापित शिवलिंग को हटाने के प्रयास के तहत इस पर तेजधार हथियार से प्रहार किया तो शिवलिंग से रक्त की धारा बहने लगी। तब से मंदिर की श्रद्धा और अधिक बढ़ गई।

इस समय मंदिर की यह है स्थिति

शनिवार के दिन मंदिर में माता काली का पूजन होता है। इसके अलावा मंदिर में सत्संग हाल और एक लंगर हाल बनाया गया है। नवरात्र पर्व पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भी भीड़ रहती है। प्राचीन श्री अंबकेश्वर मंदिर में देवी देवताओं की प्रतिमाएं शीशे के रंगीन टुकड़ों से बनी हैं।

ऐसे पहुंचा जा सकता है मंदिर में

श्री अंबकेश्वर मंदिर शहर के बीचों-बीच स्थित प्रताप गेट पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी महज दो किलोमीटर है। बस स्टैंड से इस मंदिर दूरी करीब पांच किलोमीटर की है। रेलवे स्टेशन से पहुंचने वाले लोगों को मंदिर में पहुंचने के लिए प्रताप गेट का आटो लेना पड़ेगा। जबकि बस स्टैंड की तरफ से आने वाले लोगों चंदाना गेट जाने वाले आटो में बैठकर मंदिर में पहुंच सकते हैं।

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