हर जगह हैं भगवान श्रीकृष्ण : साक्षी गोपाल दास
जागरण संवाददाता पानीपत कुरुक्षेत्र स्थित इस्कान मंदिर के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास ने मुल्तान भवन मे
जागरण संवाददाता, पानीपत : कुरुक्षेत्र स्थित इस्कान मंदिर के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास ने मुल्तान भवन में कथा करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि जब भगवान श्री कृष्ण महाभारत के समापन के बाद हस्तिनापुर से द्वारका जा रहे थे, उस समय उन्होंने ब्रह्मास्त्र से महाराजा परीक्षित और पांचों पांडवों की रक्षा की थी। यह दृश्य देखकर कुंती महारानी भगवान कृष्ण के चरणों में गिर जाती हैं। भगवान श्री कृष्ण को प्रकृति के तीनों गुणों से परे बताती हैं। कहती हैं, आप माया के अधीन नहीं हैं बल्कि माया आपके अधीन हैं।
साक्षी गोपालदास ने कहा, भगवान श्रीकृष्ण का शरीर नवयुवक रहता है। भगवान श्री कृष्ण कुरुक्षेत्र धाम से आए थे, तब उनकी आयु से 125 वर्ष थी। उनका शरीर नवयौवन था। भगवान के बारे में केवल वही जान सकता है, जो भगवान का भक्त बनता है। भगवान हमेशा आनंद में रहते हैं। सब कुछ भगवान से ही निकला है। भगवान अर्जुन को कह रहे हैं कि मैं सबको दिखाई नहीं देता। मैं अपने आपको अपनी योग माया के पर्दे में छुपा लेता हूं। ऐसी कोई जगह नहीं है जहां भगवान कृष्ण का वास न हो । कुंती महारानी की प्रार्थना सबसे पहले श्रीमद्भागवत में आती है। उनकी प्रार्थना सभी वेदों का सार है। साक्षी गोपालदास ने कहा कि वेदव्यास ने 108 उपनिषदों, महाभारत, 17 पुराणों और चार वेदों की रचना की है। जब तक हम भगवान कृष्ण के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं जानते तब तक हमारे जीवन में शांति नहीं आती। उन्होंने कहा कि हमें भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं पर चलना चाहिए।