सांसों से जुड़ी खबर, लॉकडाउन से स्वच्छ हुई हरियाणा की आबोहवा

लॉकडाउन की वजह से जहां कोरोना महामारी में थोड़ा ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है। वहीं पर्यावरण में भी इसका सकारात्‍मक असर दिखने लगा। हरियाणा की आबोहवा स्‍वच्‍छ हो गई है। हालांकि इस बार नदियों में बदलाव नहीं दिख रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 01:54 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 01:54 PM (IST)
सांसों से जुड़ी खबर, लॉकडाउन से स्वच्छ हुई हरियाणा की आबोहवा
हरियाणा की आबोहवा स्‍वच्‍छ हो गई है।

पानीपत, जेएनएन। लॉकडाउन में प्रदेश के अधिकांश शहरों की आबोहवा सुधरने लगी है। कोरोना काल में आक्सीजन की कमी और सांस से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए प्रदेश का सुधरता वायु गुणवत्ता सूचकांक दवा की तरह काम कर रहा है। हालांकि इस बार फैक्ट्रियों के चलते रहने के कारण वायु प्रदूषण में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। 

इस बार नदियों के जल में बदलाव नहीं

गत वर्ष लगे लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर नदियों के जल पर पड़ा था। यमुना समेत प्रदेश की अधिकांश नदियों का जल इतना स्वच्छ हो गया था कि लोग पानी पीने लगे थे। नदियों में रहने वालीं मछलियां भी तट से  दिखने लगी थी। परंतु इस बार ऐसा  नहीं है। क्योंकि लॉकडाउन भले लग गया है, लेकिन लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। फैक्ट्रियों और घरों का कचरा भी नदियों में डाला जा रहा है। 

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जिला    एक मई को प्रदूषण का स्तर - नौ मई को स्तर 

करनाल          108               83

अम्बाला          172              85

हिसार           238              208

भिवानी         146               116

यमुनानगर       300         107

झज्जर         84                 69

चरखी दादरी     130              82

सिरसा        190                60

इस समय लॉकडाउन जरूर है, मगर उद्योग चल रहे हैं। सड़कों पर गाडिय़ों की भरमार है और कई स्थानों पर निर्माण के कार्य भी जारी हैं। इस कारण कभी अधिक तो कमी कम एयर क्वालिटी दिख रही है। फिर भी यह कह सकते हैं कि लॉकडाउन से पहले की तुलना में स्थिति फिलहाल ठीक है। 

-अपर्णेश कौशिक, विज्ञानी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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