Nagar Nigam House Meeting: वार्ड 11 में सात मंजिला इमारत बनेगी, गरीबों को देंगे घर

पानीपत के लघु सचिवालय में हो रही है नगर निगम के हाउस की बैठक। पार्षदों ने एग्रो माल की जगह नई इमारत में नगर निगम के कार्यालय का विरोध किया। कहा कि ये इमारत कब बनेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। एजेंडा भी देरी से देने पर ऐतराज जताया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 03:11 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 04:26 PM (IST)
Nagar Nigam House Meeting: वार्ड 11 में सात मंजिला इमारत बनेगी, गरीबों को देंगे घर
लघु सचिवालय में नगर निगम के हाउस की बैठक ।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत के लघु सचिवालय में नगर निगम के हाउस की बैठक चल रही है। एक साल से एग्रो माल में नगर निगम कार्यालय को स्‍थानांतरित करने का वादा किया था। शहर के विधायक प्रमोद विज ने तो मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल को एग्रो माल दिखा भी दिया था। इसके बावजूद अब नया प्रस्‍ताव लाया गया है। लघु सचिवालय के पास दस हजार वर्ग गज में नगर निगम का नया भवन बनाने का प्रस्‍ताव ले आए। इसका पार्षदों ने विरोध कर दिया। कहा कि एक साल से तो एग्रो माल की बात हो रही थी। अब नया प्रस्‍ताव क्‍यों ले आए। इसकी क्‍या गारंटी है कि नई जगह पर छह महीने में काम हो जाएगा।

वार्ड 11 में पहले 120 प्‍लांट आवंटित करने का प्रोजेक्‍ट था। अब निगम ने तय किया है कि यहां पर सात मंजिला इमारत बनाएंगे। घर बनाकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को देंगे। इसका प्रस्‍ताव भी पास कर दिया गया।

गोशाला को देंगे तीन लाख रुपये

नैन गोशाला को तीन लाख रुपये महीना देंगे। अब तक दो लाख रुपये महीना दे रहे थे। गोशाला संचालकों का कहना था कि रोजाना बेसहारा गोवंश को रखा जा रहा है। इसलिए गोशाला को ज्‍यादा राशि देनी चाहिए, तभी गोवंश की पालना हो सकेगी। इस पर निगम की हाउस बैठक में एक लाख रुपये बढ़ाने का प्रस्‍ताव पास किया गया।

स्‍ट्रीट लाइट पर उठे सवाल

स्‍ट्रीट लाइट का एजेंडा जैसे ही सदन के पटल पर रखा गया, पार्षदों ने कहना शुरू कर दिया है कि आखिर ये लाइटें लगेंगी कब। शहर एक साल से इंतजार रहा है। अभी तो दस हजार लाइटें ही आई हैं। इतनी और लाइटें आते आते तो पांच साल निकल जाएंगे।

 

पार्षद अशोक कटारिया ने कहा, छह महीने निकाल दिए। हमारे लिए इतने शर्म की बात है कि अपनी इमारत के लिए स्‍पेस नहीं है। हमें उधार की जगह पर हाउस की बैठक करनी पड़ रही है। एग्रो माल की बात करते करते डेढ़ साल निकाल दिया। हम तो चाहेंगे कि एग्रो माल में ही निगम कार्यालय बनाया जाए।

दुष्‍यंत भटट ने कहा कि अगर ये प्रस्‍ताव हम पास भी कर दें क्‍या गारंटी है कि जल्‍दी भवन बन जाएगा। क्‍यों न हम एग्रो माल में ज्‍यादा जोर दें, बजाय नई इमारत पर। आप प्रशासनिक  प्रयास करें। राजनीतिक तौर पर हमारा सदन काम करेगा। सीएम के संज्ञान में हैं। दोनों ही मामले चला दो। आप इसको पेंडिंग में रख दें। वैसे भी एजेंडे का जो प्रोसस है कि दो तीन दिन पहले पार्षद के पास चला जाए। कल हमें मिला है। हम इस पर क्‍या चर्चा करें। क्‍या माइंड मेकअप करेंगे। तीन चार दिन पहले एजेंडा आ जाए तो उस पर चर्चा हो सकती है।

लोकेश नांगरू ने कहा कि सीएम के संज्ञान में निगम कार्यालय का मामला है। एजेंडा कुछ दिन पहले दिया करो। तभी चर्चा हो सकती है। इस पर कमिश्‍नर डा मनोज कुमार ने कहा कि इमरजेंसी नोटिस पर बैठक बुलाई है। हमें वर्क आउट करना पड़ता है। आगे से आपको एजेंडा पहले ही सौंप देंगे।

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