Liquor smuggling in Ambala: शराब तस्करी के खेल में बड़ी मछलियों को बचाने के लिए मोहरा बना किरायेदार

अंबाला के मंडोर शराब प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। पुलिस गोदाम के मालिक की पहचान कर ही सकी थी कि अब किरायेदार ने एंट्री मार ली। यह अग्रिम जमानत के लिए अदालत भी पहुंच गया। पुलिस जांच में जुटी है कि गोदाम का एग्रीमेंट कब लिखा गया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:39 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:39 PM (IST)
Liquor smuggling in Ambala: शराब तस्करी के खेल में बड़ी मछलियों को बचाने के लिए मोहरा बना किरायेदार
अंबाला के इस शराब प्रकरण में ट्रक चालक सोहन लाल की गिरफ्तारी हो चुकी है।

अंबाला, जेएनएन। अंबाला शहर के मंडोर गांव में एक बार फिर बड़े पैमाने पर हो रही शराब तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। अब इस तस्करी में बड़ी मछलियों को बचाने के लिए खेल भी शुरू हो गया है। पंजोखरा थाना पुलिस से तफ्तीश छीनकर सीआइए-1 पुलिस को दे दी है।

अभी पुलिस निर्माणाधीन के गोदाम के मालिक की ही पहचान कर सकी थी कि इसी बीच एक किरायेदार की भी एंट्री हो गई। हालांकि इस किरायेदार को पुलिस नहीं ढूंढ सकी, बल्कि जमानत लेने के लिए कथित किरायेदार अदालत की शरण में पहुंच गया। अब किरायेदार द्वारा पेश किए जाने वाले एग्रीमेंट पर ही मामला टिका है। यह एग्रीमेंट कब हुआ, इसकी निष्पक्ष जांच पर ही यह मामला टिक गया है। फिलहाल इस मुकदमे में ट्रक चालक सोहन लाल की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह शराब चंडीगढ़ से आई थी। इसे दूसरे राज्यों में सप्लाई करना था।

यह था मामला

बता दें कि अंबाला शहर के पंजोखरा थाना क्षेत्र के मंडोर गांव में एक निर्माणाधीन गोदाम से दो ट्रक शराब की पेटियों से लदे मिले थे। जांच में पाया गया कि यह शराब चंडीगढ़ से आई थी। कुल 1965 पेटियों में 23 हजार 580 बोतलें थीं। पंजोखरा थाना पुलिस ने एसएचओ मोहन लाल के बयान पर प्रदीप मित्तल, गोदाम मालिक, फैक्ट्री मालिक सहित सात लोगों पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि बिना परमिट से ही शराब फैक्ट्री से निकली है। ऐसे में जहां राजस्व की चोरी की गई, वहीं उन राज्यों में यह सप्लाई की जानी थी, जहां पर शराब बिक्री प्रतिबंधित है।

फुटेज से खुला था राज

गोदाम के आसपास पंजोखरा पुलिस ने जांच की थी तो एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे से गोदाम में आने जाने वाले लोगों के चेहरे बेनकाब हुए थे। पुलिस ने तहसीलदार के माध्यम से यह भी पता करा लिया था कि गोदाम वरुण के नाम से है। इसी बीच तफ्तीश सीआईए वन को चली गई और एक किरायेदार बनकर व्यक्ति अदालत में जमानत लेने पहुंच गया। हालांकि पुलिस की जांच में कोई किरायेदार या फिर दस्तावेज हाथ नहीं लगा था, जिसमें पता चल सके कि यह गोदाम किराये पर दिया हुआ था। अब किरायेदार बनाकर बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है या नहीं, यह निष्पक्ष जांच का विषय है।

शराब तस्करी का गढ़ बना मंडोर

अंबाला शहर से सटा गांव मंडोर शराब तस्करी का गढ़ बन गया है। यहां पर कई गोदाम हैं, जिनको किराये पर दिया गया है। इन में से कुछ से शराब तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले एलोवेरा की आड़ में शराब तस्करी का भंडाफोड़ हुआ था। एक बार फिर से मंडोर शराब तस्करी के मामले में सुर्खियाें में है।

खाली गोदाम का कैसा किरायेदार

पुलिस की जांच में ही स्पष्ट हो चुका है कि इस गोदाम में कोई और सामान नहीं पड़ा था। ऐसे में खाली गोदाम का कोई क्यों किराया देगा। यह सवाल गले से नीचे नहीं उतर रहा। गोदाम भी निर्माणाधीन है। पुलिस की तफ्तीश को कहीं दूसरी दिशा में घुमाने के लिए यह खेल तो नहीं खेला गया।

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