चंडीगढ़ से चल रहा शराब तस्करी का नेटवर्क, अरुणाचल प्रदेश के परमिट की आड़ में होता खेल

अंबाला पुलिस ने हाल ही में एक गाड़ी पर जीपीएस लगाकर परमिट के खेल का भंडाफोड़ किया है। अब अंबाला पुलिस ने डीईटीसी चंडीगढ़ को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि अरुणाचल प्रदेश के लिए कितने परमिट जारी किए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश जाकर फिजीकल वेरिफिकेशन की जाएगी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 01:59 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 01:59 PM (IST)
चंडीगढ़ से चल रहा शराब तस्करी का नेटवर्क, अरुणाचल प्रदेश के परमिट की आड़ में होता खेल
एसटीएफ लखनऊ के साथ अंबाला पुलिस भी छानबीन में जुटी है।

दीपक बहल, अंबाला। चंडीगढ़ शराब फैक्ट्री से अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी होने वाले परमिट की आड़ में अंतरराज्यीय शराब तस्करी का बड़ा खेल हो रहा है। चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश की कई शराब फैक्ट्रियां संदेह के घेरे में हैं। परमिट दूसरे राज्य के लिए जारी हो रहा है लेकिन शराब की खेप कहीं दूसरे राज्य पहुंचाकर करोड़ों रुपयों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

अंबाला पुलिस ने हाल ही में एक गाड़ी पर ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाकर परमिट के खेल का भंडाफोड़ किया है। अब अंबाला पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) चंडीगढ़ को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि अरुणाचल प्रदेश के लिए कितने परमिट जारी किए गए हैं। इसकी विस्तार से जानकारी मांगी है। पुलिस की टीम डाटा मिलने के बाद अरुणाचल प्रदेश जाकर फिजीकल वेरिफिकेशन करेगी कि जो परमिट अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी किए गए हैं, वहां पर शराब पहुंची भी या नहीं। पुलिस की एफआइआर में चंडीगढ़ की सचेती पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र है, जहां से शराब लोड की गई। इसके अलावा चंडीगढ़ स्थित विनायक डिस्टिलरी पहले ही एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) और शराब तस्करी में विवादों में आ चुकी है। शराब फैक्ट्री में बिना परमिट ईएनए सप्लाई होता है जिस कारण अतिरिक्त शराब बनाकर बिहार, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़ शराब तस्करी बड़े पैमाने पर की जाती है।

2481 पेटी शराब पकड़ी गई थी यूपी में

बता दें चंडीगढ़ से ही अरुणाचल प्रदेश के लिए 2481 पेटी शराब उत्तर प्रदेश की झांसी में पकड़ी गई। इसकी जांच लखनऊ की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है। झांसी मेंं जो ट्रक पकड़ा गया उसे अंबाला पुलिस ने ही पहले पकड़ा था और शक होने पर जीपीएस लगा दिया था। अब एसटीएफ और अंबाला पुलिस अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है। ऐसे में बड़ी मछलियों का बच निकलना संभव नहीं है। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने भी पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि शराब तस्करी में जो भी फैक्टरी मालिक या फिर आबकारी विभाग के अधिकारी लिप्त हैं उनके मुकदमे में नामजद किया जाए।

इस तरह आरोपितों ने उगले राज

झांसी पुलिस ने अंबाला के परमजीत और हरपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा कृपाशंकर, मनोज यादव, धर्मिन्द्र यादव भी पुलिस हिरासत में हैं। पूछताछ में आरोपित परमजीत ने बताया कि यह शराब चंडीगढ़ से शराब लेकर आया है। यह शराब अरुणाचल प्रदेश के परमिट के लिए सप्लाई की गई। जो झांसी में ले आया। आरोपित ने अपने मालिक का और अन्य तस्करों के नामों का भी खुलासा कर दिया है।

फर्जी नंबर प्लेट वाले वाहनों से भी तस्करी

पुलिस ने ट्रक से नंबर प्लेटें भी बरामद की हैं जो आरोपित बदल दिया करते थे। कृपाशंकर ने पूछताछ में बताया कि नंबर प्लेटें आरटीओ द्वारा बनाई गई हैं जिसका उपयोग वे अलग-अलग ट्रकों पर लगाकर फर्जी तरीके से तस्करी करते हैं। नंबर प्लेटें किन-किन राज्यों से आरटीओ द्वारा जारी की गई हैं इसको लेकर भी छानबीन की जा रही है।

शराब तस्करी में किसी को नहीं बख्शा जाएगा : विज

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में पहले से ही एक एसआइटी गठित है जो शराब तस्करी को लेकर ही जांच कर रही है इस मामले में भी एसआइटी को ही जांच आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है। जो अधिकारी इसमें लिप्त होंगे उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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