राखी और गंदे पानी के समाधान होने तक बंद रहेगी शराब फैक्ट्री
दो दिनों से शराब फैक्ट्री के गेट पर चले रहे धरना-प्रदर्शन के बाद प्रशासन की उपस्थिति में ग्रामीणों और फैक्ट्री के निदेशक आरके मलिक के बीच सहमति बनी है। एसडीएम अश्विनी मलिक ने राखी और गंदे पानी की व्यवस्था होने तक फैक्ट्री को बंद रखने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, समालखा : चुलकाना के ग्रामीणों का एकजुट होकर विरोध करना सफल हुआ है। दो दिनों से शराब फैक्ट्री के गेट पर चले रहे धरना-प्रदर्शन के बाद प्रशासन की उपस्थिति में ग्रामीणों और फैक्ट्री के निदेशक आरके मलिक के बीच सहमति बनी है। एसडीएम अश्विनी मलिक ने राखी और गंदे पानी की व्यवस्था होने तक फैक्ट्री को बंद रखने की बात कही है। इसे प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया है। ग्रामीण समस्याओं के समाधान तक अपने स्तर पर फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी और राखी की निगरानी करते रहेंगे।
चुलकाना सहित आसपास के गांव के लोग शराब फैक्ट्री से गंदा पानी और राखी निकलने का आरोप लगाते हुए दो दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। फैक्ट्री के मुख्य गेट के सामने टेंट लगाकर धरने पर बैठे थे। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के तौर पर पुलिस बल का पहरा था। गतिरोध समाप्त करने के लिए एसडीएम और नायब ने ग्रामीणों से सुलह के लिए वार्ता की पेशकश की थी।
ग्रामीणों की ओर से 11 सदस्यीय कमेटी, फैक्ट्री प्रबंधन के पदाधिकारी सहित नहरी व प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को वार्ता के दौरान बुलाया गया था। सभी ने अपनी-अपनी बातें रखी। ग्रामीणों की सभी समस्याएं सुनने के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने कमियों के लिए खेद व्यक्त किया। एसडीएम ने कहा कि प्रदूषण और पानी सहित सभी जरूरी चीजों के समाधान के बाद फैक्ट्री चालू की जाएगी।
तीन दिन से विरोध के कारण फैक्ट्री में कामकाज पहले से बंद है। प्रबंधन ने नए तकनीकी उपकरण लगाने सहित कमियों की समुचित व्यवस्था करने का भरोसा दिया है। नहरी विभाग ड्रेन को साफ करवाएगा। दोबारा उसमें गंदा पानी नहीं छोड़ा जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी रिपोर्ट एनजीटी को पहले ही भेज चुका है। ग्रामीणों ने की दोबारा पानी के सैंपल लेने की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि खेतों में लगे नलकूप सहित आबादी के नलकूपों के भी पानी सैंपल लिए जाएं। लोगों के स्वास्थ्य की जांच हो। उनके अनुसार उनका भूजल स्तर खराब हो गया है। लोगों को बीमारियां हो रही हैं। पानी की जांच से बीमारियों का पता चलेगा। ग्रामीण भी अपने स्तर पर निजी लैब में पानी की जांच करवाएंगे। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे।