कुरुक्षेत्र में दुष्कर्म के दोषी पिता को आजीवन कारावास, जेल में ही लेगा अंतिम सांस

कुरुक्षेत्र में दुष्कर्म के दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी पत्नी की मौत हो चुकी है मां भी नहीं बच्चों का पालन पोषण उसी के कंधों पर इसलिए सजा को कम किया जाए।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:11 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:11 PM (IST)
कुरुक्षेत्र में दुष्कर्म के दोषी पिता को आजीवन कारावास, जेल में ही लेगा अंतिम सांस
कुरुक्षेत्र में दुष्कर्म के दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत ने पोक्सो एक्ट में दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी आखिरी सांस तक जेल में ही रहेगा। अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना जमा न करने पर दोषी को छह माह का कठोर कारावास काटना पड़ेगा। दोषी ने अदालत का फैसला सुनकर सजा कम करने की अपील की। उसने कहा कि उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है और उसकी मां भी नहीं है। उसको बच्चों का पालन-पोषण करना है। कोर्ट ने उसकी अपील से बड़ा उसका घिनौने कृत्य होना बताया।

ये है पूरा मामला

जिला उप न्यायावादी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि 28 मई 2020 को सदर थाना पुलिस के अंतर्गत एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने अपने मकान में एक कमरा विजय कुमार को किराये पर दिया हुआ था। विजय कुमार के पास तीन लड़कियां हैं। उनकी उम्र 15 साल, सात साल, तीन साल व छह साल का एक लड़का है। 26 मई 2020 को उसकी बड़ी लड़की रोते हुए उसके पास आई। उसने बताया कि उसका पिता करीब एक माह से उसके साथ गलत काम कर रहा है। 26 मई 2020 को उसके पिता विजय ने उसके साथ गलत काम किया। इसकी शिकायत पुलिस को दी गई। शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने छह पोक्सो एक्ट, 376 (3) आइपीसी व 75 जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच महिला सहायक उपनिरीक्षक सुमन देवी को सौंपी। नाबालिग के अदालत में बयान दर्ज कराए। 29 मई 2020 को विजय कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

आखिरी सांस तक जेल में रहेगा आरोपित

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की स्पेशल फास्ट ट्रैक अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपित विजय कुमार को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषी के धिनौने अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी आखिरी सांस तक जेल में रहेगा। दोषी पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी किया। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह माह का कठोर कारावास भुगतना पड़ेगा।

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