सिफारिश वाले अंदर, बाकी सारे बाहर..ये है नगर निगम
नगर निगम में हालात ऐसे हो गए हैं कि किसी को काम करवाना हो तो सिफारिश साथ में जरूरी है। इसके बगैर कोई काम नहीं हो सकता। ऐसा ही कुछ देखने को मिला बुधवार को पानीपत नगर निगम कार्यालय में।
विनोद जोशी, पानीपत
नगर निगम में हालात ऐसे हो गए हैं कि किसी को काम करवाना हो तो सिफारिश साथ में जरूरी है। इसके बगैर कोई काम नहीं हो सकता। ऐसा ही कुछ देखने को मिला बुधवार को पानीपत नगर निगम कार्यालय में। प्रापर्टी आइडी बनवाने के लिए खिड़की पर भीड़ कम और सिफारिश वालों की ज्यादा भीड़ केबिन के अंदर दिखाई दी। जो बाहर खिड़की पर खड़े थे, उनको काम करवाने के लिए कई माह से निगम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
निगम में काम करवाने पहुंचे लोगों ने बताया कि कर्मचारी ठीक से बात तक नहीं करते। फाइलों पर आपत्ति लगाकर छोड़ देते है। इससे पांच-पांच माह निगम के चक्कर काटते हुए हो जाते हैं, लेकिन कोई काम नहीं हो पाता। इस बारे में जब निगम के अधिकारियों से बात करते हैं तो वे भी कागजात की कमी का हवाला देकर काम को बीच में ही छोड़ देते है। कोई भी कर्मचारी लोगों को सही तरीका नहीं बताता। इससे लोग निगम के बार-बार चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। लंच टाइम से पहले कुर्सी छोड़ देते है कर्मचारी
दोपहर को नगर निगम के कर्मचारी तय समय से दस मिनट पहले लंच करने के लिए कुर्सियों से उठ जाते है। इससे भी लोग काफी परेशान रहते हैं। लंच के लिए दोपहर 1:30 मिनट निर्धारित है। लेकिन समय से पहले ही कुर्सी छोड़ रहे थे। पिछले साल दिसंबर लगी थी फाइल, आज तक अधूरी
वार्ड नंबर 13 के निवासी सुशील कुमार ने बताया कि दिसंबर 2020 में प्रापर्टी आइडी के लिए फाइल लगी थी। लेकिन कोई न कोई आपत्ति लगाकर काम नहीं करते। कोई भी कर्मचारी कुछ नहीं बता रहा कि कब तक काम हो जाएगा। यहां सब सिफारिश वालों के ही काम हो रहे हैं। डेढ़ माह से काट रहे चक्कर
वार्ड आठ के पचरंगा बाजार निवासी शुभम ने बताया कि प्रापर्टी आइडी बनवाने के लिए पिछले डेढ़ माह से चक्कर काट रहे है। कर्मचारी हमें ही फाइल वैरिफाई करने को बोल रहे हैं, जो समझ से बाहर है। इससे अब पता नहीं कैसे प्रापर्टी आइडी बनेगी। कर्मचारी कोई हल नहीं बता रहे और न ही ठीक से बात करते। सुबह से ही प्रापर्टी आइडी के काम से निकला था
सेक्टर 17 निवासी अशोक ने बताया कि सुबह से ही प्रापर्टी आइडी बनवाने के लिए घर से निकला था। यहां कभी सीट पर कर्मचारी नहीं मिलते तो कभी अधिकारी बैठक में व्यस्त रहते हैं। इससे काम नहीं हो सका। अब फिर से नगर निगम में आना पड़ेगा। अगर ऐसी अव्यवस्था है तो चेक करवाएंगे
नगर निगम के कमिश्नर आरके सिंह का कहना है कि नगर निगम में किसी सिफारिश वालों के काम नहीं होते हैं। फिर भी कोई अव्यवस्था है तो चेक करवाया जाएगा और मौका देखा जाएगा।