पिछले साल हरियाणा में 30 हजार एकड़ में हुई थी धान की सीधी बिजाई, इस साल रकबा और बढ़ाने का प्रयास

धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। पानी के साथ खर्चा भी होगा कम। पिछले साल हरियाणा में 30 हजार एकड़ मं धान की सीधी बिजाई हुई थी। इस बार इस रकबे को और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 04:33 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 04:33 PM (IST)
पिछले साल हरियाणा में 30 हजार एकड़ में हुई थी धान की सीधी बिजाई, इस साल रकबा और बढ़ाने का प्रयास
धान की रोपाई के लिए किसानाें ने बिजाई शुरू की।

जींद, जेएनएन। खरीफ सीजन में धान की रोपाई के लिए किसानाें ने बिजाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) के डायरेक्टर डा. कर्मचंद ने बताया कि हरियाणा में पिछले वर्ष लगभग 30 हजार एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई हुई थी। जिसे इस वर्ष और अधिक करने के प्रयास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किसानों को जागरूक करके किए जा रहे हैं। रोपाई की अपेक्षा धान की सीधी बिजाई करने से लगभग 20 प्रतिशत पानी की बचत होती है। जिससे भूमिगत जल स्तर में भी 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि संभव हो सकती है। कीट पंतगों तथा बीमारियों का प्रकोप भी कम होता है। धन की बचत भी होती है।

सीधी बिजाई वहीं करें, जहां पहले धान की फसल ली जा रही है

धान की सीधी बिजाई उन्हीं खेतों में करें, जिनमें पहले से ही धान की फसल ली जा रही हो। बेहतर परिणामों के लिए किसानों को समय पर और सिफारिश के अनुसार सभी कृषि क्रियाएं करनी चाहिएं। सबसे पहले खेत को लेजर लैंड लेवलर से समतल करवाएं तथा डीएसआर मशीन द्वारा उपचारित बीज की बिजाई सांयकाल के समय करें। इससे भूमि में नमी अधिक देर तक बनी रहेगी। बिजाई के समय कतारों की दूरी 20 सेंटीमीटर रखें और बीज की 3.5 सेंटीमीटर की गहराई तक ही बिजाई करें। हल्की भूमि में धान की सीधी बिजाई करने से कभी-कभी लोहे की कमी के लक्षण नजर आते हैं, तो कृषि विशेषज्ञों से मिलकर सिफारिशशुदा दवाइयों व खाद का प्रयोग करें।

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