सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई, मेघ भी रोए
त्रिपुरा में शहीद हुए बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवान भुरू सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव अहर लाया गया। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव वालों की आंखें नम हो उठीं। उसी समय मेघ भी बरसे। मानों वे भी अपनी ओर से श्रद्धांजलि दे रहे थे।
संवाद सहयोगी, इसराना : त्रिपुरा में शहीद हुए बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवान भुरू सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव अहर लाया गया। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव वालों की आंखें नम हो उठीं। उसी समय मेघ भी बरसे। मानों वे भी अपनी ओर से श्रद्धांजलि दे रहे थे।
त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उग्रवादियों के हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे। इनमें इसराना ब्लाक के गांव अहर के 56 वर्षीय जवान भुरू सिंह भी शामिल थे। प्रात: 6:30 बजे गश्त पर निकले बीएसएफ के जवानों पर उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। भुरू सिंह खैंची बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) थे।
वीरवार को प्रात: 11 बजे भुरू सिंह खेंची का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बीएसएफ के जवानों और राज्य पुलिस द्वारा उन्हें सलामी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री मनोहरलाल और जिला प्रशासन की ओर से समालखा के एसडीएम बिजेंद्र हुड्डा व बीएसएफ के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने शोक संदेश प्रेषित किया। इसमें कहा कि देश भुरू राम का बलिदान सदैव याद रखेगा। जिला सैनिक बोर्ड की ओर से सचिव कर्नल चांद सरोहा ने भी उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की। पदोन्नति के बाद आना था घर
भुरू सिंह के बड़े बेटे रवींद्र ने बताया कि उनकी कुछ दिन पहले पिता से बात हुई थी। तब वह कह रहे थे कि पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण पर जाना है। इसके बाद छुट्टी लेकर घर आएंगे। उन्हें क्या पता था कि पिता हमारे बीच नहीं रहेंगे। बीएसएफ में बेटा-बहू
भुरू सिंह का छोटा बेटा सुमित और उनकी पत्नी प्रियंकल भी बीएसएफ में हैं। सुमित की ड्यूटी कश्मीर और प्रियंकल की पंजाब में है। बड़ा बेटा रवींद्र एक निजी कंपनी में काम करता है। भुरू सिंह की पत्नी का देहांत हो चुका है।