हरियाणा लोक कला को बढ़ावा देने के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम, अब होगी सतरंगी फुलझड़ी प्रतियोगिता
युवाओं में हरियाणवीं लोक कला के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए हरियाणा की कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने बड़ा कदम उठाया। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी अब सतरंगी फुलझड़ी प्रतियोगिता कराने की तैयारी कर रहा। यूनिवर्सिटी का युवा एवं संस्कृति विभाग यह प्रतियोगिता कराएगा।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं संस्कृतिक विभाग ने अब विद्यार्थियों में हरियाणवीं लोक कला में रूचि बनाने के लिए प्रतिभा खोज प्रतियोगिताओं में सतरंगी फुलझड़ी प्रतियोगिता को शामिल करने का फैसला लिया है। यहीं नही इस विधा को अब न केवल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में, बल्कि रत्नावली और यूथ फेस्टिवल में शामिल करने का फैसला लिया है। जिन कालेजों में प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित नहीं है, वहां यह करवाई जाएंगी और जिन कालेजों में आयोजित हुई है, उनमें नए सिरे से यह प्रतियोगिता करवाई जाएगी। बता दें कि राधा कृष्ण सनातन धर्म कालेज (आरकेएसडी) में तो यह प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में यह प्रतिस्पर्धा करवाई जा चुकी हैं। जबकि अन्य कालेजों में इसे आयोजित करवाया जाएगा।
यह है महत्व
फुलझड़ी हरियाणवीं लोककला का एक ऐसा सतरंगी नमूना है जो हरियाणवीं महिलाओं की हस्तकला को प्रतिनिधित्व प्रदान करता है। लोककला का यह नमूना हरियाणवीं लोकजीवन में महत्वपूर्ण रहा है। लड़की की विदाई के समय महिलाओं द्वारा हस्तकला के अनेक विषय वस्तुओं को ससुराल पक्ष के लोगों के लिए देने की परंपरा रही है। इसमें कोथली, पोथिया, बोहिया, फुलझड़ी अनेक ऐसी वस्तुएं रही हैं, जो हरियाणवीं महिलाओं के हस्तकला को प्रदर्शित करती हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं संस्कृतिक विभाग के सदस्य डा. अशोक अत्रि ने बताया कि इस अनूठी प्रतियोगिता के माध्यम से छात्राओं हरियाणवीं लोककला के इस सतरंगी पहलू को जानने एवं समझने का अवसर मिलेगा।
अत्रि ने बताया कि प्रतियोगिता में कागज़ की लड़ियां तैयार की जाती हैं। छोटी-छोटी अनेक लड़ियों की लटकनें तैयार की जाती हैं जो कि फुलझड़ी की शोभा को बढ़ाती हैं। वर्तमान में फुलझड़ी बनाने की कला विलुप्त हो चली है। इसी कारण विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग की ओर से यह प्रतियोगिता करवाने का निर्णय अब लिया गया है। अब इसे भविष्य में प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में शामिल रखा जाएगा।
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