इंटरनेट बाधित होने पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का फरमान, परीक्षार्थी करें व्यवस्था वरना परीक्षा केंद्र में दें परीक्षा
इंटरनेट सेवा बहाल न होने पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने परीक्षा के संबंध में आदेश जारी किया है। आनलाइन आफलाइन के आदेशों को दरकिनार करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षार्थियों को निर्देश दिए हैं कि इंटरनेट की खुद व्यवस्था करें।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। पिछले दो दिनों से इंटरनेट की समस्या झेल रहे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षार्थियों को अब परीक्षा के लिए इंटरनेट के किसी दूसरे माध्यम की व्यवस्था करनी होगी। ऐसा करने में असमर्थ परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर आफलाइन परीक्षा देनी होगी। इससे एक दिन पहले कुवि ने करनाल में किसान महापंचायत के चलते इंटरनेट सेवाएं बाधित होने पर एक पेपर को स्थगित करने 28 सितंबर को करवाने का फैसला लिया था। अब बुधवार को जारी आदेशों में इंटरनेट सेवा बहाल न होने पर परीक्षार्थी को ही अतिरिक्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर परीक्षार्थी स्वयं जिम्मेदार होगा।
गौरतलब है कि सात सितंबर को करनाल में किसान महापंचायत के चलते प्रदेश सरकार के आदेश पर विभिन्न टेलीकाम कंपनियों ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी। कंपनियों के इस फैसले को देखते हुए कुवि ने भी एक दिन की परीक्षा स्थगित कर दी है। इसके बाद अब बुधवार को भी करनाल में कई कंपनियों की इंटरनेट सेवा बहाल न होने के मामले सामने आ रहे थे। ऐसे में कुवि ने बुधवार की शाम को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इन परीक्षाओं में प्रदेश भर के लाखों परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं।
कुवि के परीक्षा नियंत्रक डा. हुकम सिंह ने बताया कि टेलीकाम कंपनियों की ओर से करनाल जिला के जिन क्षेत्रों में अभी तक इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं हुई हैं, उन क्षेत्रों के कुवि के परीक्षार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर की सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाओं के लिए अपने स्तर पर ब्राडबेंड, वाई-फाई सर्विस या किसी अन्य सेवा का प्रयोग कर आनलाइन परीक्षा में अपीयर होना होगा। अगर परीक्षार्थी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपने परीक्षा प्रवेश पत्र पर दर्शाए गए परीक्षा केंद्र पर जाकर आफलाइन माध्यम से परीक्षा देनी होगी। इसके लिए संबंधित परीक्षा केंद्र की ओर से परीक्षार्थी को प्रश्न-पत्र व उत्तर-पुस्तिका उपलब्ध करवाई जाएगी। आफलाइन परीक्षा संपन्न करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग, कालेज व संस्थान के अध्यक्ष, प्राचार्य व निदेशक की होगी।