हरियाणा में मिसाल पेश करने वाला कुरुक्षेत्र एक बार फिर लिंगानुपात में पिछड़ा, जानिए वजह

लिंगानुपात में कुरुक्षेत्र एक बार फिर पिछड़ गया है। कभी हरियाणा में अव्‍वल था। सितंबर 2020 के मुकाबले सितंबर 2021 में 21 लिंगानुपात कम हुआ दर्ज। जुलाई 2021 के बाद नहीं हुई कोई छापेमारी। नौमाही लिंगानुपात रिपोर्ट में भी नहीं सुधरा कुरुक्षेत्र का लिंगानुपात।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:41 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:41 AM (IST)
हरियाणा में मिसाल पेश करने वाला कुरुक्षेत्र एक बार फिर लिंगानुपात में पिछड़ा, जानिए वजह
हरियाणा में कुरुक्षेत्र लिंगानुपात में पिछड़ा है।

कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। बेटियों को बचाकर देश भर में नई मिसाल पेश करने वाले कुरुक्षेत्र का लिंगानुपात एक बार फिर से गड़बड़ा रहा है। छमाही रिपोर्ट के बाद नौमाही रिपोर्ट में भी जिले के लिंगानुपात में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि पिछले वर्ष 2020 के सितंबर माह के आंकड़ों से मिलाएं तो जिला लिंगानुपात में 21 कदम पिछड़ गया है। छमाही रिपोर्ट के बाद नौमाही रिपोर्ट में भी जिले का लिंगानुपात 909 दर्ज किया गया। वर्ष 2020 में जिले का लिंगानुपात 938 पहुंच गया था, जिसके बाद कुरुक्षेत्र ने प्रदेश में अपना चौथा स्थान प्राप्त किया था। मगर अब जिला लिंगानुपात में लगातार पिछड़ रहा है। जुलाई माह के बाद जिले में कोई नई रेड भी नहीं हुई है। पीएनडीटी कार्यक्रम नोडल अधिकारी भी बीमारी के चलते छुट्टी पर हैं। ऐसे में भ्रूण लिंग जांच के धंधे में संलिप्त लोग फिर से खुले घूम रहे हैं।

नौमाही आंकड़ों को देखें एक बार

जिला लिंगानुपात

रोहतक 955

चरखी दादरी 937

पानीपत 930

नूंह 922

जींद 919

सिरसा 919

हिसार 916

पंचकूला 910

कुरुक्षेत्र 909

वर्ष लिंगानुपात

2013 887

2014 869

2015 860

2016 859

2017 924

2018 924

2019 928

2020 938

2021 909 अब तक

इस वर्ष जुलाई तक हुई चार छापेमारी, 45 छापेमारी करके 153 लोगों को पहुंचाया सलाखों के पीछे

जिले में इस वर्ष जुलाई माह तक चार छापेमारी हुई। जबकि अप्रैल 2016 से अब तक 45 छापेमारी की गई, जिनमें से 18 एमटीपी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए, जबकि पीएनडीटी एक्ट के तहत 23 मामले दर्ज किए गए। जिला स्वास्थ्य विभाग ने सात छापेमारी उत्तर प्रदेश और पंजाब के क्षेत्रों में की गई। इन मामलों में विभाग ने 153 लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। जुलाई माह के बाद जिले में एक भी छापेमारी नहीं हुई।

बेटी को कोख में मारना बंद करें : डा. आरके सहाय

पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. आरके सहाय ने कहा कि वह पिछले दिनों बीमारी के चलते लंबी छुट्टी पर थे। अभी लौटे हैं। लोगों से यही अपील है कि अगर कोई भी व्यक्ति भ्रूण लिंग जांच या हत्या से संबंधित गतिविधि में संलिप्त है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग कों दें, ताकि ऐसे कुकृत्य करने वाले आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।

chat bot
आपका साथी