Haryana budget 2021: जानिए हरियाणा बजट से जुड़ी खास बात, घोड़ी पर बैठकर लोगों से राय लेने पहुंची थीं पहली वित्तमंत्री

कैथल से लगातार चार बार विधायक बनीं स्‍वर्गीय ओमप्रभा जैन किसी प्रदेश की वित्तमंत्री बनने वाली पहली महिला थीं। चारों बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहीं। बजट से पहले घोड़ी पर बैठकर लोगों से राय लेने वित्‍तमंत्री पहुंची थीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 01:42 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 01:42 PM (IST)
Haryana budget 2021: जानिए हरियाणा बजट से जुड़ी खास बात, घोड़ी पर बैठकर लोगों से राय लेने पहुंची थीं पहली वित्तमंत्री
हरियाणा की पहली महिला वित्‍तमंत्री स्‍वर्गीय ओमप्रभा जैन।

कैथल, [पंकज आत्रेय]। आज से हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र शुरु होने जा रहा है। साल भर में प्रदेश की जनता को इसका इंतजार रहता है और राहत-सौगातों की उम्मीद भी सरकार से रहती है। वित्त मंत्री के तौर पर 10 मार्च को खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुशहाली का बजट पेश करने जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हरियाणा बनने के बाद सबसे पहला बजट किसने पेश किया था? वह थीं प्रदेश की पहली वित्तमंत्री ओमप्रभा जैन।

कैथल से लगातार चार बार विधायक बनने के बाद वह प्रदेश की पहली सरकार में वित्त मंत्री बनीं और वर्ष 1967 में पहला बजट पेश किया। वह वर्ष 1957 से 1972 तक विधायक व मंत्री रहीं। उनके बारे में शहर के सीनियर सिटीजन जगदीश बहादुर खुरानिया और एडवोकेट

अरविंद खुरानिया बताते हैं कि बजट से पहले ओमप्रभा जैन लगातार धरातल पर काम करती थीं। उन्हें याद है कि गांव खुराना और शहर के बीच नहर पर पुलिया नहीं थी। तब ओमप्रभा जैन घोड़ी पर बैठकर नहर पार गांव खुराना पहुंची और वहां ग्रामीणों के बीच बैठकर बजट पर रायशुमारी की। वे कहा करती थीं कि बजट का मकसद सिर्फ राजस्व इकट्ठा करना ही नहीं होता है। यह जनता के लिए विकास और राहत के रास्ते तैयार करने का जरिया होता है। ओमप्रभा जैन उन लोगों से विशेष तौर पर मिलकर चर्चा करती थीं, जिन्होंने चुनाव में उन्हें वोट नहीं दिया हो।

खेती पर फोक्स था पहले बजट में

जगदीश बहादुर खुरानिया बताते हैं कि ओमप्रभा जैन का फोक्स पहले बजट में खेती और शिक्षा पर था। उनका मानना था कि हरियाणा के विकास का रास्ता खेत से होकर ही गुजरता है। उस वक्त कैथल एक गांव के जैसा था। बेटियों की शिक्षा के लिए यहां सुविधाएं नहीं थीं। एक मस्जिद में बैठ कर ही लड़कियों की पढ़ाई होती थी। उन्होंने इस समस्या को समझा और गीता भवन के पास राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की स्थापना करवाई। वर्ष 1970 में इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय की नींव रखी। यहां उस वक्त बाढ़ का खतरा ज्यादा रहता था। इसके चलते उन्होंने उत्तरी दिशा में एक ड्रेन का निर्माण करवाया। पहला बस अड्डा भी ओमप्रभा जैन ने ही यहां बनवाया था। वह लंबे समय तक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की निदेशक रहीं और इस दौरान कैथल में बैंक की शाखा खुलवाकर उसमें कृषि से जुड़ी योजनाएं शुरु करवाईं। वह अखिल भारतीय खादी ग्रामोद्योग की भी निदेशक रहीं। उन्होंने जीवन पर्यंत खादी की ही साड़ी पहनी।

वाराणसी में जन्मीं थीं प्रदेश की पहली वित्त मंत्री

प्रदेश की पहली वित्तमंत्री ओमप्रभा जैन का जन्म छह फरवरी 1931 को वाराणसी में हुआ था। जींद के डा.केसी जैन के साथ वर्ष 1951 में उनका विवाह हुआ और कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 1957 में कैथल से चुनाव लड़ा। सर्राफा बाजार में उनका कार्यालय हुआ करता था। यहां से चुनाव जीतकर संयुक्त पंजाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप ङ्क्षसह कैरों की सरकार में उप शिक्षा मंत्री बनीं। 1965-66 में उन्हें संयुक्त पंजाब सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया। पृथक हरियाणा बनने के बाद 1966-67 में वह तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा की सरकार में वित्त मंत्री बनीं। पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के मंत्रिमंडल में वह वित्त मंत्री के तौर दूसरे नंबर की मंत्री रहीं। ओमप्रभा जैन देश में किसी भी राज्य में वित्त मंत्री बनने वाली पहली महिला थीं। वर्ष 1978 में एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। कैथल में उनके नाम से मॉडर्न स्कूल भी है।

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