दिल्ली बॉर्डर पर जींद के हर घर से जाएगा एक व्यक्ति, खापों ने उठाया आंदोलन तेज करने का जिम्मा

जींद में सर्व समाज सर्व खाप की महापंचायत हुई। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ शामिल हुई। महापंचायत में सर्वसम्मति से छह फैसले लिए गए। सरकार को चेतावनी दी कि कोरोना के नाम पर किसानों के धरनों के साथ छेड़छाड़ न की जाए।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:59 PM (IST)
दिल्ली बॉर्डर पर जींद के हर घर से जाएगा एक व्यक्ति, खापों ने उठाया आंदोलन तेज करने का जिम्मा
जींद के खटकड़ टोल धरने पर सर्व समाज सर्व खाप की महापंचायत में शामिल लोग

जींद/उचाना, जेएनएन। खटकड़ टोल धरने पर सर्व समाज सर्व खाप की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने हिस्सा लिया। सांकेतिक भूख हड़ताल पर नफे सिंह बड़ौदी, जिले सिंह तारखां, सुमित घासो कलां, बलजोर बरसोला, मेवा सिंह मोहनगढ़ छापड़ा रहे।

महापंचायत में सर्वसम्मति से छह फैसले लिए गए। हर घर से एक व्यक्ति दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेगा। इसके लिए गांव-गांव, घर-घर जाकर प्रेरित किया जाएगा। 25 अप्रैल को भाजपा का प्रस्तावित कार्यक्रम जींद में होता है, तो इसका विरोध किया जाएगा। यह कार्यक्रम भाजपा आयोजित न करे, इसको लेकर 21 अप्रैल को डीसी को ज्ञापन भी किसान नेता देंगे। आगजनी से जली फसल का मुआवजा सरकार दे। क्षति पूर्ति कानून जो सरकार लेकर आई है उसको रद किया जाए। सभी किसान, मजदूर अपने मकानों, वाहनों पर राजनीतिक दल का झंडा न लगाकर किसान यूनियन का झंडा लगाएं।

खाप प्रतिनिधियों की टीम जाएगी घर-घर

खाप पंचायत प्रतिनिधि किसानों के साथ टीम बना कर गांव-गांव जाकर आंदोलन को लेकर एक घर से एक व्यक्ति की हिस्सेदारी दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने के लिए प्रेरित करेंगे। सरकार कोरोना संक्रमण के नाम पर अगर आंदोलन कर रहे किसानों के धरनों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करती है और कोई नुकसान होता है, तो इसके जिम्मेदार सरकार व प्रशासन होंगे। इस मौके पर रघुबीर नैन, फकीर चंद, दिलबाग पिल्लुखेड़ा, टेकराम कंडेला, महेंद्र सिंह रढ़ाल, समुंद्र सिंह लाठर, सोमदत्त शर्मा, चंद्र चहल, कुलदीप ढांडा, सरजीत बड़ौदा, उदयवीर बरसोला, कुलदीप सरपंच, कविता सरपंच मौजूद रहे।  

कृषि कानूनों की पहली मार गरीब पर पड़ेगी

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों के खिलाफ है। जो सर्व समाज, सर्व खाप ने फैसले लिए हैं, किसान उसके साथ है। कृषि विरोधी तीनों कानूनों की सबसे पहली मार अगर पड़ेगी, तो वो गरीब पर पड़ेगी। इन कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चार महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। सरकार की मंशा कई बार जवान, किसान को लड़वाने की हो चुकी है। किसान आज अपना हक सरकार से मांग रहा है। 

कानूनों पर खुले मंच पर हो बहस

सतबीर पहलवान, आजाद पालवां ने कहा कि जब तक किसान आंदोलन चलेगा। जजपा, भाजपा नेताओं का विरोध करने का फैसला लिया गया है। क्यों जानबूझ कर सरकार कार्यक्रम कर रही है। अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कानूनों को किसान हित में बता रही है। ये कानून अगर किसान हित में हैं, तो हम इन कानूनों पर बहस को तैयार हैं। केंद्र सरकार इन कानूनों पर खुले मंच से बहस कर बताए कि कैसे इन कानूनों से किसान को फायदा होगा।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी